New Education Policy 2020: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान(एनआईटी) जमशेदपुर में एक वर्षीय पीजी कोर्स शुरू किया जाएगा। संस्थान ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। नई शिक्षा नीति के तहत तैयार एक साल के पीजी कोर्स के कैरिकुलम फ्रेमवर्क के तहत यह कोर्स कराया जा सकेगा। इसमें वैसे विद्यार्थी एक साल में पीजी कर सकेंगे, जिन्होंने चार वर्षीय यूजी कोर्स किया हो। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से इस कोर्स के कैरिकुलम फ्रेमवर्क को मंजूरी दिए जाने के बाद एनआईटी जमशेदपुर ने भी इसे लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस कोर्स के शुरू होने से विद्यार्थियों के पास एक साल में पीजी करने का मौका होगा और उनका समय बच सकेगा। दिलचस्प बात यह कि एक वर्ष के पीजी कोर्स के साथ ही यूजीसी द्वारा तैयार कैरिकुलम फ्रेमवर्क के तहत पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड यूजी-पीजी कोर्स को कंपाईल (एक साथ) भी किया जा सकेगा।

एनआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि इसे लेकर यूजीसी की ओर से फ्रेमवर्क तैयार करने के बाद संस्थानों से सुझाव मांगा गया है। इसके लागू होते ही विद्यार्थियों को काफी सहूलियत होगी। अच्छी बात यह होगी कि दो साल के पीजी कोर्स को भी फिलहाल जारी रखा जाएगा। इसे लेकर एनआईटी जमशेदपुर की ओर से अधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन संस्थान के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एनआईटी जमशेदपुर ने इस बाबत जानकारी साझा की है। संभवत: अगले सत्र से इस एक वर्षीय पीजी कोर्स को नई शिक्षा नीति के तहत एनआईटी जमशेदपुर में लागू कर दिया जाएगा।

गौरतलब हो कि इसी वर्ष से एनआईटी जमशेदपुर में नई शिक्षा नीति के तहत बीटेक की पढ़ाई शुरू की गई है और इसके तहत मल्टी एंट्री-एग्जिट व्यवस्था को लागू किया गया है। अब दो वर्षीय पीजी कोर्स में भी एग्जिट की व्यवस्था लागू होगी। दो वर्षीय पीजी में एक साल में कोर्स छोड़ने पर विद्यार्थियों को पीजी डिप्लोमा का प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

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