बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसी साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के दौरान कहा है कि बैलेंस ऑफ पावर बनने के लिए जरूरत पड़ी तो उनके विधायक सत्ता में साझीदार होंगे।

उन्होंने मंगलवार को मध्य प्रदेश राज्य के पदाधिकारियों के साथ बैठक में यह बातें कही।

मायावती ने कहा कि कई राज्यों में जातिवादी तत्वों द्वारा साम, दाम, दंड, भेद आदि अनेकों घिनौने हथकंडे अपना कर बसपा के विधायकों को तोड़ लेते हैं, जिससे जनता के साथ विश्वासघात कर घोर स्वार्थी जनविरोधी तत्व सत्ता पर काबिज हो जाते हैं। इसलिए आगे इन राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद लोगों की चाहत के हिसाब से सरकार में शामिल होने पर विचार किया जाएगा।

उन्होंने बैठक के दौरान राजनीतिक समीकरण पर चर्चा के साथ पार्टी का जनाधार बढ़ाने की प्रगति रिपोर्ट लेने के साथ उम्मीदवारों के चयन आदि की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बसपा उत्तर प्रदेश जैसे विशाल आबादी वाले और राजनीतिक दृष्टि से अति महत्त्वपूर्ण राज्य में चार बार अपनी सरकार बना चुकी है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना राज्य में इन कमजोर वर्गों व धार्मिक अल्पसंख्यकों में से मुस्लिम समाज का सही संवैधानिक भला तभी हो सकता है जब वहां जनता को हताशा व निराश करने वाली मजबूत व अहंकारी सरकार नहीं बल्कि गठबंधन की जनहित को मजबूर सरकार होगी। राजस्थान व मध्य प्रदेश आदि राज्यों से मुस्लिम व इसाई समाज के संस्थानों पर जुल्म-ज्यादती की खबरें लगातार आती रहती हैं। इसका समाधान तभी संभव है जब सरकार में उनके हितैषी सही पार्टी के सच्चे व ईमानदार प्रतिनिधि होंगे।

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