दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से पूछा कि अगर शराब इतनी अच्छी थी तो इसे वापस क्यों लिया गया? मनीष सिसोदिया को दिल्ली सरकार की रद्द की जा चुकी आबकारी नीति में गड़बड़ी करने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।
अदालत ने कहा कि अगर यह दावा किया जा रहा है कि यह शराब नीति अच्छी थी तो इसे रद्द क्यों करना पड़ा। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित केस में सह-आरोपी विजय नायर की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने आप के वकील से कहा कि इस सवाल का स्पष्ट जवाब दिया जाए। बता दें कि दिल्ली का उपमुख्यमंत्री रहते हुए मनीष सिसोदिया के पास आबकारी समेत कई अन्य विभाग भी थे।
अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान जज को बताया गया कि तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर जमानत के लिए याचिका दायर की है। इसपर जज ने कहा, ‘अगर नीति बहुत अच्छी है, तो आपने इसे वापस क्यों लिया? इसपर एक ठोस जवाब दीजिए?’ सिसोदिया के वकील ने बताया कि जब उपराज्यपाल ने शराब वेंड्स को गैर-अनुरूप क्षेत्रों में खोलने नहीं दिया, और इसकी वजह से नुकसान होने लगा तब इस नीति को वापस लेना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि इससे पहले की शराब नीति में इन वेंडरों को उन स्थानों पर ऑपरेट करने की अनुमति दी गई थी जो पिछले 10 साल से उस स्थान पर थे।
नई आबकारी नीति के तहत एक लाइसेंस के तहत तीन ही स्टोर प्रत्येक म्यूनिसिपल वार्ड में खोलने की अनुमति दी गई है। अदालत में प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से मौजूद एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने हालांकि दावा किया कि यह शराब नीति इसलिए वापस ली गई क्योंकि इस नीति के तहत किये गये गलत कार्य उजागर हो गए थे।
शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मनीष सिसोदिया की याचिका अदालत में पेन्डिंग है। सिसोदिया के खिलाफ केस की जांच कर रहे सीबीआई औऱ ईडी के मुताबिक शराब नीति को बनाते वक्त गड़बड़ी की गई और लाइसेंस धारकों का पक्ष लिया गया। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई शराब नीति लाई थी लेकिन सितंबर 2022 के अंत तक इस नीति को वापस लेना पड़ा क्योंकि इस नीति में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
आबकारी नीति के तहत शहर को 32 जोन में बांटा गया था। इसके बाद 849 दुकानों के लिए ओपन टेंडर के जरिए लाइसेंस दिये गये थे। दिल्ली सरकार ने सभी वार्डों में शराब के दो वेंड्स खोलने की अनुमति दी थी। इनमें वैसे अवैध कॉलोनियों में शराब की दुकाने खोलने की अनुमति भी शामिल है। अदालत में ईडी की तरफ से बताया गया कि आम आदमी पार्टी के नेता ने अपनी पत्नी के स्वास्थ्य के आधार पर जमानत के लिए फिर से याचिका लगाई है जिसपर शुक्रवार को सुनवाई होने की उम्मीद है।