बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक और ओपिनियन पोल आ गया है। IANS-MATRIZE के सर्वे में एनडीए सरकार की वापसी का अनुमान लगाया गया है। एनडीए की इस चुनाव में भारी बहुमत से वापसी हो सकती है और भाजपा से लेकर जेडीयू तक को छप्परफाड़ सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है। एजेंसी के अनुसार भाजपा इस चुनाव में सबसे बड़ा दल बनकर उभरेगी और उसे 83 से 87 सीटें मिल सकती हैं। इसके अलावा उसकी सहयोगी नीतीश कुमार की जेडीयू को 61 से 65 सीटें मिल सकती हैं। एनडीए को कुल मिलाकर 153 से 164 तक सीटें मिल सकती हैं। वोट शेयर की बात करें तो एनडीए 49 फीसदी मत हासिल कर सकता है।

वहीं महागठबंधन को बड़ा झटका लगने की संभावना है। पोल में बताया गया है कि लालू यादव की आरजेडी 62 से 66 सीटें ही हासिल करेगी और गठबंधन 76 से 87 सीटों तक ही सिमट सकता है। अनुमान है कि सबसे ज्यादा झटका कांग्रेस को लगेगा, जो महज 7 से 9 सीटें ही पाने की स्थिति में है। इसके अलावा वामपंथी दल सीपीआई-एमएल को 6 से 8 सीटें मिल सकती है। मुकेश सहनी की वीआईपी के खाते में 1 से 2 सीट जा सकती है। इससे पहले भी कई सर्वे आ चुके हैं, जिनमें एनडीए की ही वापसी का अनुमान लगाया गया है।

यदि यह ओपिनियन पोल नतीजे में तब्दील होता है तो फिर नीतीश कुमार के कामकाज पर भी मुहर होगी, जो लगातार 20 सालों से राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं। अनुमान है कि सबसे ज्यादा 22 फीसदी वोट आरजेडी को मिल सकता है। भाजपा के खाते में 21 फीसदी वोट जाएंगे, लेकिन सीटों में तब्दीली के मामले में भाजपा आगे है। ऐसा इसलिए क्योंकि जेडीयू, लोजपा जैसे दलों का वोट उसके खाते में काफी हद तक ट्रांसफर हो रहा है। माना जा रहा है कि सीट बंटवारे में समझदारी और समन्वय के चलते भी एनडीए को बढ़त मिली है।

वहीं कांग्रेस को 62 सीटों पर मौका मिला है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि यही अनुमान सही रहा तो फिर इसका मतलब है कि आरजेडी को कांग्रेस के खाते में ज्यादा सीटें देने का नुकसान हुआ है। ऐसा ही यूपी में भी 2017 में हुआ था, जब सपा ने उसे 100 सीटें दी थीं और महज 7 पर ही उसे जीत हासिल हुई थी। ऐसे में यूपी की 2017 वाली गलती आरजेडी के लिए भी साबित हो सकती है।

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