बिहार विधानसभा चुनाव के बीच आज महागठबंधन बड़ा ऐलान कर सकता है। पटना में आज कांग्रेस, आरजेडी समेत महागठबंधन के सभी दलों का जुटान है और प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस दौरान तेजस्वी यादव को महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। आरजेडी की यह मांग रही है कि तेजस्वी यादव के नाम का पहले ही ऐलान कर दिया जाए ताकि चुनाव में फायदा मिले। हालांकि अब तक कांग्रेस इससे बचती रही है, लेकिन अब खबर है कि सहमति बन गई है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का भी मानना है कि तेजस्वी यादव के नाम का पहले ही ऐलान करने से चुनाव में लाभ मिलेगा।

तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी सीएम रह चुके हैं। उन्हें आरजेडी सीएम फेस घोषित कराना चाहती है ताकि चुनावी नतीजा पक्ष में आए तो किसी तरह की खींचतान ना हो। इसके अलावा अपने मतदाता वर्ग के भीतर उत्साह पैदा करने में भी मदद मिलेगी। बुधवार को ही कांग्रेस के सीनियर नेता अशोक गहलोत की लालू यादव समेत आरजेडी के नेताओं से मुलाकात हुई थी। माना गया था कि गठबंधन की कुछ गांठें खोलने के मकसद से अशोक गहलोत ने यह मीटिंग की है। चर्चाएं थीं कि सीट बंटवारे और फिर उम्मीदवारों के ऐलान को लेकर दोनों दलों के बीच कुछ असहमतियां हैं।

बिहार के मौर्या होटल में यह प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई है और वहां जो बैनर लगा है, वह भी चर्चा का विषय है। इस बैनर पर लिखा है- चलो बिहार बदलें। वहीं इस पोस्टर पर सिर्फ तेजस्वी यादव की ही तस्वीर है। उनके अलावा किसी और नेता को पोस्टर पर जगह न दिए जाने से भी कयास लग रहे हैं कि शायद उनके नाम का ही ऐलान होना है। इसलिए आज उन्हें ही प्रमुखता से पोस्टर पर रखा गया है। आरजेडी का कहना है कि यदि तेजस्वी यादव के नाम का पहले से ऐलान कर देंगे तो समर्थकों में उत्साह होगा। इसका फायदा कांग्रेस और वामदल जैसे गठबंधन साथियों को भी मिलेगा।

अशोक गहलोत ने पहले ही ऐसी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जानकारी दी थी। उनका कहना था कि महागठबंधन 23 अक्टूबर को गठबंधन की मजबूती दिखाने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। उन्होंने बिहार में एक ‘प्रायोजित अभियान’ चलाने के लिए भाजपा की भी आलोचना की, जिससे गठबंधन में दरार का ‘माहौल’ पैदा हो। उन्होंने कहा, ‘लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के साथ एक बेहद सकारात्मक बैठक हुई। बिहार में महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है और मजबूती से चुनाव लड़ रहा है। महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।’

गठबंधन में कुछ सीटों पर दोस्ताना मुक़ाबले के बारे में गहलोत ने आश्वासन दिया कि यह कोई असामान्य बात नहीं है और महागठबंधन में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा, ‘243 सीटों में स्थानीय नेताओं और समीकरणों के कारण कभी-कभी 5-7 सीटों पर दोस्ताना मुक़ाबले जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। यह बहुत छोटी संख्या है, लेकिन मीडिया में इसे लेकर महागठबंधन के ख़िलाफ़ अभियान चलाया गया, जबकि वास्तव में कोई समस्या ही नहीं है।’

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