हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाया जाता है। भैया दूज को कई नामों से जाना जाता है। इसे भाई द्वितीया, भाऊ बीज, भात्र द्वितीया और भतरु द्वितीया के नाम से भी मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल 23 अक्टूबर के दिन भाई दूज मनेगा। भैय्या दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और प्रसन्नतापूर्ण जीवन की प्रार्थना कर, उन्हें तिलक करती हैं। फिर भाई अपनी बहनों को गिफ्ट व आशीर्वाद देते हैं। इस साल भैय्या दूज के दिन राहुकाल दोपहर के समय रहेगा। ऐसे में आइए जानते हैं भाई दूज पर पूजा व तिलक करने के उत्तम मुहूर्त-

  1. शुभ – उत्तम 06:27 ए एम से 07:51 ए एम
  2. चर – सामान्य 10:41 ए एम से 12:05 पी एम
  3. लाभ – उन्नति 12:05 पी एम से 01:30 पी एम
  4. अमृत – सर्वोत्तम 05:43 पी एम से 07:19 पी एम
  5. चर – सामान्य 07:19 पी एम से 08:54

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाई दूज के दिन 23 अक्टूबर को दोपहर 01:30 पी एम से 02:54 पी एम तक राहुकाल लग रहा है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

भाई दूज के दिन बहनें अपने सीधे हाथ की अनामिका अंगुली से भाई को तिलक करें। इस दिन चंदन, हल्दी, दही, कुमकुम से भाई का तिलक करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने पर भाई को अच्छा स्वास्थ और दीर्घायु की प्राप्ति होगी। तिलक में टूटे हुए अक्षत (चावल) का इस्तेमाल न करें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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