IRCTC Scam Case: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ रांची और पुरी स्थित दो आईआरसीटीसी होटलों के टेंडर में कथित भ्रष्टाचार के मामले में आरोप तय किए। कोर्ट ने कई धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं, जबकि सभी आरोपियों पर आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है। लालू यादव ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे।
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अदालत ने आरोपियों के खिलाफ उनकी कथित भूमिका के आधार पर अलग-अलग धाराओं में आरोप तय किए हैं। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और साजिश रचने के लिए आईपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत आरोप लगाए गए हैं। लालू यादव और तेजस्वी यादव समेत अन्य ने खुद को निर्दोष बताया। राबड़ी देवी ने कहा कि मामला गलत है। कोर्ट ने कहा कि संभावित धोखाधड़ी को धोखाधड़ी के रूप में ही देखा जाना चाहिए और सरकारी खजाने को हुआ नुकसान कोई मामूली बात नहीं, बल्कि आर्थिक नुकसान है। कोर्ट ने कहा, “साजिश गंभीर है, लेकिन अदालत की नजर से छिपी नहीं है।”
क्या है IRCTC होटल घोटाला?
यह पूरा मामला 2004 से 2009 तक लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव के ठेकों के आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है। आरोप है कि आईआरसीटीसी के दो होटलों, बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी, के रखरखाव का ठेका सुजाता होटल को दिया गया था। सीबीआई का आरोप है कि इस सौदे के बदले में लालू यादव को एक बेनामी कंपनी के जरिये तीन एकड़ जमीन मिली थी।
सीबीआई ने 2017 में लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। सीबीआई ने दिल्ली की अदालत को बताया था कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। यादव परिवार ने जांच पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उनका कहना है कि मामला राजनीति से प्रेरित है।
