कांग्रेस ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह पर घुसपैठ संबंधी उनकी एक टिप्पणी को लेकर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि वह आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ध्रुवीकरण के लिए व्यापक दुष्प्रचार का सहारा ले रहे हैं। शाह ने शुक्रवार को दावा किया था कि कुछ राजनीतिक दल घुसपैठियों को वोट बैंक की तरह देखते हैं। उन्होंने यह सवाल भी किया था कि गुजरात और राजस्थान की सीमाओं पर घुसपैठ क्यों नहीं होती?

शाह ने यह टिप्पणी ‘दैनिक जागरण’ के पूर्व प्रधान संपादक नरेंद्र मोहन की स्मृति में आयोजित एक व्याख्यान में की। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शाह पर निशाना साधते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘वह स्वदेशी रूप से विकसित जनसंहारक हथियार – ‘वेपन ऑफ मास डिसइनफॉरमेशन’ (व्यापक दुष्प्रचार वाले हथियार) और साथ ही एक ‘वेपन ऑफ इंटीमीडिट्री मास पोलराइजेशन’ (धमकी वाले व्यापक ध्रुवीकरण के हथियार) का इस्तेमाल कर रहे हैं।’

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भी शाह पर हमला बोला। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सहकारिता मंत्री ने 10 अक्टूबर को हिंदू-मुस्लिम विवाद को हवा देने और आगामी चुनावों से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए बेहद आपत्तिजनक बात कही। उन्होंने ‘एक्स’ पर मुसलमानों की बढ़ती आबादी का हवाला देकर यह संकेत दिया कि भारत में व्यापक ‘मुस्लिम घुसपैठ’ हो रही है।’

खेड़ा ने कहा, ‘इस स्थिति में एक तार्किक सवाल यह है कि अगर मुस्लिम आबादी, जैसा कि वह दावा करते हैं, ‘घुसपैठ के कारण’ बढ़ी है, तो गृह मंत्री पिछले 11 साल से क्या कर रहे थे?’ उन्होंने कहा, ‘उन्हें जल्दी ही एहसास हो गया कि वह गृह मंत्री भी हैं और मुसलमानों पर निशाना साधने वाला उनकी चाल उल्टी पड़ गई। इसलिए, उनका पोस्ट तुरंत हटा दिया गया।

खेड़ा ने कहा, ‘लेकिन इससे सच्चाई नहीं मिटती कि 2005-2013 के बीच, कांग्रेस सरकारों ने 88,792 बांग्लादेशी नागरिकों को निर्वासित किया। भाजपा शासन में 11 वर्षों में 10,000 से भी कम लोगों को निर्वासित किया गया है। फिर भी, हमने कभी शेखी नहीं बघारी और भाजपा कभी चुप नहीं रहेगी।’ उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि खाली बर्तन ज्यादा खड़कते हैं।

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