समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने बसपा सुप्रीमो मायावती की तारीफ कर राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी। उन्होंने कहा कि मायावती बहुत बड़े जन समूह की नायक हैं, मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूं। अगर उन्हें मीडिया के माध्यम से कोई ऐसी खबर मिली है जिससे उन्हें परेशानी हुई है, तो मुझे खेद है। मैं जब चाहूं, उनसे मिल सकता हूं।

आजम खान ने अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा कि उनकी अहम‍ियत में मेरी नजर में कोई कमी नहीं है। वह एक बड़ी सियासत दां हैं। उन्होंने कहा कि मायावती जब रामपुर तशरीफ लाईं थीं तो वह मेरी मेहमाान भी थीं। उन्‍होंने महसूस किया होगा कि मेरा उनके साथ कैसा आत्‍मीयता का संबंध है।

उन्होंने कहा कि मेरा ताल्लुक कांशीराम जी से बहुत रहा है। वह सुबह चार बजे नमाज पढ़ता था। मेरे पास तशरीफ लाते थे, और हम आधा-एक घंटा बातचीत करते थे। आजम ने कहा कि मेरा उनके बड़ों से भी रिश्‍ता रहा है। ऐसा नहीं हो सकता कि मैं ऐसी बात कहूं या करूं जो उनके दुख या शिकायत का कारण बने। उन्होंने कहा कि मैं जब चाहें मिल सकता हूं, जरूरी नहीं कि मुलाकात केवल राजनीतिक ही हो। उन्होंने कहा कि मायावती ने उनके बारे में कोई गलत बात नहीं कही, इसलिए मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं।

हालांकि जब उनसे सपा पर मायावती के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो आजम ने साफ तौर पर जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके स्तर का जवाब, उनके स्तर के लोग देंगे। मैं तो 8-10 बरस से ऐसे हालात का शिकार हूं कि मुझे ये ही नहीं पता है कि लखनऊ का कौन सा पार्क किस हाल में है और कहां है, आज कैसा है।

दरअसल, बसपा की महारैली में मायावती ने बिना नाम लिए आजम खान को लेकर भी बात कही थी। कहा था कि विरोधी लोग अफवाह फैला रहे हैं। मायावती ने कहा कि अफवाह फैलाई गई कि दूसरी पार्टी के बड़े नेता ने दिल्ली में मुझसे मुलाकात भी की। मायावती ने बिना नाम लिए जवाब देते हुए कहा कि मैं किसी से छिपकर नहीं मिलती हूं। खुले में मिलती हूं। दरअसल, जेल रिहाई के बाद अखिलेश यादव के साथ आजम खान की मुलाकात से पहले ये चर्चाएं थीं कि आजम खान बसपा में शामिल हो सकते हैं।

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