नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। गरबा महोत्सव को लेकर दिए गए इस बयान पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कोई इसे सनातन धर्म की रक्षा से जोड़कर सही ठहरा रहे हैं तो कोई समाज में नफरत फैलाने वाला बता रहा है।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों अपने पैतृक गांव गाड़ा में हैं। रविवार को वे लवकुश नगर स्थित माता बंबर बेनी के दर्शन करने पहुंचे थे। इसी दौरान मीडिया ने उनसे गरबा महोत्सव पर सवाल किया। जवाब में उन्होंने कहा कि कोई भी सनातनी हज यात्रा के लिए नहीं जाता है। तो हमारी भी यही इच्छा है कि अन्य धर्म के लोग हमारे गरबा महोत्सव में शामिल न हों।

शास्त्री ने गरबा आयोजन समितियों को सलाह देते हुए कहा कि गरबा पंडालों के गेट पर गोमूत्र रखा जाए और अंदर आने वालों पर इसका छिड़काव किया जाए। उनके अनुसार, ऐसा करने से दूसरे धर्म के लोग गरबा महोत्सव में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।

अपने बयान के पीछे तर्क देते हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यह उपाय लव जिहाद जैसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि गरबा महोत्सवों में गैर-हिंदू युवकों की घुसपैठ रोकनी होगी।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। समर्थक इसे सनातन धर्म की रक्षा से जोड़कर सही ठहरा रहे हैं। जबकि विरोधी इसे समाज को बांटने और नफरत फैलाने वाला बयान बता रहे हैं।

गौरतलब है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लंबे समय से भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग करते रहे हैं। इस मुद्दे पर वे पदयात्रा भी निकाल चुके हैं। वे समय-समय पर सनातन धर्म, लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर खुलकर बयान देते रहे हैं।

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