उत्तर प्रदेश के लाखों निर्माण श्रमिकों के परिवारों के लिए अच्छी खबर है। योगी सरकार ने फैसला लिया है कि अब उनकी बेटियों के विवाह के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। यह राशि पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों के खुद के विवाह के लिए भी दी जाएगी। अभी तक कन्या विवाह सहायता योजना के तहत सामूहिक विवाह में सरकार प्रति विवाह अलग-अलग मदों में कुल 82 हजार रुपये खर्च कर रही थी। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों की बेटियों के विवाह में आर्थिक सहायता बढ़ाने के निर्देश दिए थे।

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को अब सामूहिक विवाह योजना के तहत अधिक आर्थिक सहायता मिलेगी। अब तक सामूहिक विवाह की स्थिति में पंजीकृत निर्माण श्रमिक की पुत्री या पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक के विवाह पर 82 हजार रुपये की सहायता दी जाती थी। इसमें 65 हजार रुपये नकद, वर-वधू की पोशाक के लिए 10 हजार रुपये तथा आयोजनकर्ता को प्रति जोड़ा 7 हजार रुपये दिए जाते थे।

श्रम एवं सेवायोजन विभाग के प्रमुख सचिव डा. एमके शन्मुगा सुंदरम के अनुसार शासन ने इस धनराशि को बढ़ाकर अब प्रति जोड़ा एक लाख रुपये कर दिया गया है। यह सुविधा तभी मिलेगी जब कम से कम 11 जोड़ों का विवाह सामूहिक रूप से एक स्थान पर कराया जाएगा। इस फैसले से पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सीधी राहत मिलेगी और विवाह आयोजन और अधिक सम्मानजनक तरीके से संभव हो सकेगा। बीओसीडब्ल्यू बोर्ड में कुल एक करोड़ 82 लाख निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं। बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो इनमें से 31 अगस्त तक रिन्यूअल 12.5 लाख ने कराया है। ऐसे में यह परिवार इस योजना का लाभ पाने के लिए पात्र होंगे।

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