प्रयागराज में गंगा के कछारी इलाकों को बाढ़ से राहत मिलने की उम्मीद बढ़ रही है। गंगा-यमुना का पानी घट रहा है। पानी घटने का सिलसिला आगे भी जारी रहने की उम्मीद है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों को पूरी तरह राहत के लिए कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा। फाफामऊ में गंगा और नैनी में यमुना का जलस्तर घटने की रफ्तार औसत आधा सेमी प्रति घंटा तक सीमित है। हालांकि बुधवार रात आठ बजे फाफामऊ में गंगा एकबार फिर स्थिर हो गईं। इसी वजह से कछारी इलाकों से बाढ़ का पानी निकलने में कई दिन लग सकते हैं।
कानपुर बैराज से लगातार साढ़े चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने का दबाव है। इटावा, चिल्लाघाट से आया पानी भी संगम क्षेत्र के अधिकतर हिस्से पर कब्जा जमाए है। छतनाग के आगे भी वाराणसी तक गंगा का प्रवाह क्षेत्र लबालब है। इसके चलते छतनाग के आगे गंगा का प्रवाह बेहद धीमा हो गया है। यहां आगरा और इटावा से यमुना में पानी आने को लेकर सिंचाई विभाग (बाढ़ प्रखंड) थोड़ा चिंतित है। छतनाग के आगे गंगा का प्रवाह तेज नहीं होने पर आगरा और इटावा से आने वाले पानी से राहत के इंतजार का दायरा बढ़ सकता है।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता दिग्विजय नारायण शुक्ला ने बताया कि गंगा-यमुना का जलस्तर धीमी गति से लगातार घटना राहत का संकेत है। दो दिन गंगा और इसकी सहायक नदियों के प्रवाह क्षेत्र में बारिश से यहां का गंगा का जलस्तर बढ़ा। उसी दौरान यमुना में भी पानी बढ़ रहा था। यदि गंगा-यमुना के प्रवाह क्षेत्र में बारिश नहीं होती तो पहले जैसी स्थिति होने की संभावना नहीं। अधिशासी अभियंता के अनुसार पांचवें चरण में गंगा-यमुना का जलस्तर लाल निशान छूने की संभावना कम हो गई है।
शाहजहांपुर में गंगा और रामगंगा नदी का जलस्तर मे काफी गिरावट से बाढ़ के हालात मे सुधार हुआ है। लेकिन निकले इलाको मे जल भराव के चलते मुश्किलें बरकरार है। सम्पर्क मार्गो के कटने से आवागमन बाधित है। लोगो को जरूरी सामान के लिए पैदल जाने को मजबूर होना पङ़ रहा है। क्षेत्र मे शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर आने मे समय लगेगा। बाढ़ से हुई बर्बादी से तटवर्ती गांवो के लोग मायूस है और प्रशासन से राहत की उम्मीद लगा रहे है।
मिर्जापुर क्षेत्र मे बुधवार को गंगा के जलस्तर मे हुई भारी गिरावट से स्टेट हाइवे पर प्रशासन द्वारा पुलिस की मौजूदगी मे आवागमन शुरू करा दिया गया है। गुटेटी उत्तर गांव के पास रपटा पुलिया पर करीब एक फिट बाढ़ का पानी बह रहा है। चौरा गांव के पास भी स्टेट हाइवे पर करीब ङेढ़ फिट पानी बह रहा है। वही नगला बसोला मार्ग पर बाढ़ के पानी के चलते सङ़क कटी हुई है और बाढ़ का पानी दो फिट से अधिक सङ़क पर बहने से आवागमन बाधित है।
पैलानी, आजादनगर, इस्लामनगर समते कई गांवो मे बाढ़ का पानी भरा होने से ग्रामीणों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। नदी की बाढ़ ने सैकड़ों हैक्टेएर फसलों को खत्म कर दिया है जिससे किसानों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है। वही रामगंगा की उछाल मरती लहरों ने कई संपर्क मार्गों को निशाना बनाते हुए हुए क्षतिग्रस्त कर दिया है। सड़को में बड़े बड़े गड्ढे हो जाने से आवाजाही प्रभावित हुई है।
