(मथुरा)
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन(यूटा) ने सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों को आपस में पेयरिंग/
मर्ज कर बन्द किए जाने के आदेश का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री को नामित ज्ञापन प्रभारी बीएसए के.पी. शुक्ला को सौंपा। यूटा ने ज्ञापन के माध्यम से उक्त आदेश को छात्रहित,शिक्षाहित में पुनर्विचार कर परिषदीय विद्यालयों के यथावत संचालन की मांग की है।
जिलाध्यक्ष अंशुल गौतम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व०श्री अटलबिहारी बाजपेयी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को सुलभ एवं आवश्यक शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से देश मे सर्व शिक्षा अभियान प्रारंभ किया था। इसी हेतु गाँव व मजरों में प्राथमिक विद्यालय खुलवाए थे। लेकिन वर्तमान में उ०प्र० शासन द्वारा प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज कर बन्द करने का निर्णय लिया गया है। अत्यंत जल्दबाजी में लिया गया निर्णय ग्रामीण क्षेत्र के गरीब बच्चों के लिए अहितकर होगा,इससे समाज में असमानता व बालिकाओं के ड्रॉपआउट में बढ़ोतरी होगी। जिलामंत्री प्रशान्त सारस्वत ने कहा कि गाँव में स्कूल ही एक ऐसा स्थान होता है जो जीवंत विश्वास, भरोसे व अनुशासन का सजीव केन्द्र होता है, शिक्षा की नीति का उद्देश्य विद्यालयों को गिनती में समेटना नहीं बल्कि हर एक बच्चे तक शिक्षा का अधिकार पहुंचाना है। यदि किसी स्कूल में कम नामांकन है तो वहां समुचित संसाधन व अध्यापक भेजने की आवश्यकता है न कि उस विद्यालय को समाप्त कर देना न्यायसंगत है।ज्ञापन देने में यूटा के जिलाध्यक्ष अंशुल गौतम,जिलामंत्री प्रशान्त सारस्वत,जिला कोषाध्यक्ष जतिन अग्रवाल, जिला मीडिया प्रभारी नेत्रपाल सिंह निमोरिया, पवन ठुकरेला, आकाश चौरसिया ब्लॉक अध्यक्ष बलदेव सौरभ सारस्वत, पवन, कृष्ण माधव अग्रवाल, अंकित अग्रवाल, अजीत सिंह, श्यामसुंदर सहित तमाम शिक्षक उपस्थित रहे।

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