प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने 11 साल का सफर पूरा कर लिया है। इस पर सी-वोटर ने एक सर्वे किया है, जिसमें लोगों से राय ली गई है कि वे मोदी सरकार के कामकाज से कितने खुश हैं। इस सर्वे में लोगों से ऑपरेशन सिंदूर, राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंक के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई, महंगाई और बेरोजगारी खतत्म करने के लिए उठाए गए कदम जैसे मुद्दों पर भी जनता की राय ली गई है। इसके अलावा लोगों से यह भी पूछा गया कि क्या वे 2029 में भी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं।

सर्वे के नतीजों के मुताबिक, 59.3 फीसदी लोगों ने कहा कि वो 2029 में भी नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि 27.4 फीसदी लोगों ने सीधे तौर पर मना कर दिया और 10.3 फीसदी लोगों ने कहा कि आगे का उनके कामकाज के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा कि 2029 में उन्हें इस पद पर मौका दिया जाए या नहीं।

आतंक से लड़ाई में मोदी सरकार का प्रदर्शन कैसा रहा?

सर्वे के मुताबिक, जब लोगों से सवाल पूछा गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंक से लड़ाई में मोदी सरकार का प्रदर्शन कैसा रहा? तो 53.9 फीसदी लोगों ने इसे शानदार कहा, जबकि 13.4 फीसदी लोगों ने इसे ठीक, 12% ने औसत और 16.5% लोगों ने खराब करार दिया। यानी करीब 67 फीसदी लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंक से लड़ाई में मोदी सरकार के कामकाज पर संतोष जताया है।

महंगाई कंट्रोल करने पर कैसी रही मोदी सरकार?

इसी तरह एक अन्य सवाल में जब उनसे पूछा गया कि क्या मोदी सरकार महंगाई पर काबू पाने में सफल रही है? तो इसके जवाब में 26 फीसदी लोगों ने सरकारी प्रयास को बेहद कामयाब बताया, जबकि 23.9 फीसदी लोगों ने कुछ हद तक सफल बताया। 17.6 फीसदी लोगों ने कहा कि कोई बदलाव नहीं आ सका है, जबकि 5.2 फीसदी लोगों ने कहा कि कुछ हद तक सरकारी प्रयास असरदार रहे हैं। 24.8 फीसदी ने महंगाई पर मोदी सरकार के कामकाज को बेअसर करार दिया है।

बेरोजगारी के मोर्चे पर मोदी सरकार का कैसा रिपोर्ट कार्ड?

इसी तरह बेरोजगारी को दूर करने के मुद्दे पर भी 26.3 फीसदी लोगों ने कहा है कि सरकारी कोशिशें बेहद प्रभावी रही हैं, जबकि 27.9 फीसदी लोगों ने कहा कि कुछ हद तक ही सरकार की नीतियां प्रभावी रही हैं। 19.9 फीसदी लोगों ने सीधे तौर पर कहा कि बेरोजगारी दूर करने में मोदी सरकार कोई बदलाव नहीं ला सकी। 7 फीसदी ने कुछ हद तक इसे प्रहावी और 15 फीसदी ने मोदी सरकार की बेकोजगारी घटाने की नीति को बेअसर करार दिया है।

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