प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान कोष की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि में संशोधन किया गया है। इसके तहत मृत शिक्षकों की बेटियों के विवाह के लिए आर्थिक अनुदान राशि दस हजार से बढ़ाकर एक लाख और गंभीर रोग से ग्रस्त शिक्षक को 30 हजार की जगह एक लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी।

शासन ने इसके लिए राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान की नियमावली में संशोधन कर दिया है। इसके तहत गंभीर रोग से ग्रस्त शिक्षकों के प्रकरण पर मंत्री के अनुमोदन से एक सप्ताह में तत्काल 50 हजार की सहायता दी जाएगी। इसके बाद विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त सहायता राशि भी प्रदान की जाएगी। इसके लिए आवेदक को सक्षम अधिकारी का प्रमाणपत्र देना होगा।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसे शिक्षकों व उनके आश्रितों की सहायता के लिए आवेदनपत्र ऑनलाइन लिए जाएंगे। इसके लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा। इस पर आने वाले आवेदन को एक निर्धारित समय में निस्तारित करना होगा। इसके लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इसी क्रम में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों से झंडा शुल्क दो रुपये के स्थान पर पांच रुपये और कक्षा नौ से 12 के छात्रों से 10 रुपये सहयोग राशि ली जाएगी।

दीपक कुमार ने यह भी कहा है कि गंभीर रोग से ग्रस्त शिक्षकों की चिकित्सीय सहायता व उनके आश्रित बेटियों के विकास के लिए दी जाने वाली सहायता राशि के लिए कोष बढ़ाना भी जरूरी है। इसके तहत शिक्षकों से शिक्षक दिवस पर ली जाने वाली सहयोग राशि को 100 रुपये किए जाने पर निर्णय शिक्षक संगठनों से वार्ता के बाद लिया जाएगा। वहीं प्रकोष्ठ के संचालन के लिए सहायक सचिव, लेखाकार, कंप्यूटर सहायक व परिचारक पद पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मानदेय पर रखा जाएगा।

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