सीएम योगी की पहल के बाद यूपी में शुरू की गई मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रही है। यह योजना छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा ओर कोचिंग प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर भी बना रही है। सीएम योगी की इस पहल से हजारों छात्रों के सपने साकार हो रहे हैं। योजना से जुड़े अभ्यर्थी यूपी ही नहीं अब अन्य राज्यों में आयोजित होने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अपना जलवा बिखेर रहे हैं। हाल ही में आए बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा परिणाम में सीएम योगी के अभ्युदय योजना से जुड़कर 50 से अधिक अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है और अफसर बने।

अन्त्योदय के उदय की अपनी प्रतिबद्धता को साकार करते हुए सीएम योगी गरीब बच्चों के अफसर बनने के सपने को हकीकत में बदल रहे हैं। इस योजना के जरिए निःशुल्क कोचिंग की सुविधा का लाभ उठाकर अबतक 46 अभ्यर्थी लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास कर अफसर बन चुके हैं, जबकि 121 अभ्यर्थी यूपीपीसीएस की परीक्षा पास कर अधिकारी बने हैं। राज्य के 75 जिलों में संचालित 156 केंद्रों से अब तक 82 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिनमें से लगभग 700 से अधिक अभ्यर्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो चुके हैं।

14 छात्राओं समेत 50 से अधिक अभ्यर्थियों ने मारी बाजी

हाल ही में जारी हुए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परिक्षा में अभ्युदय योजना से जुड़कर निशुल्क कोचिंग की सुविधा ले रहे 14 छात्राओं और 40 से अधिक छात्रों ने सफलता हालिस की है। यूपी सरकार ने इस योजना को राज्य के 75 जनपदों में सफलतापूर्वक संचालित कर रही है, जहां करीब 156 केंद्र संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का कार्यान्वयन उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी निगरानी में किया जा रहा है। इसकी बकायदा मॉनिटरिंग के लिए लखनऊ में अलग से अभ्युदय सचिवालय स्थापित किया गया है जहां से प्रतिदिन इन सभी कोचिंग सेंटरों के संचालन की पूरी व्यवस्था की देखरेख की जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा 11 केंद्र लखनऊ में संचालित हैं, जबकि कौशांबी में 6, गोरखपुर में 5, वाराणसी और बहराइच में 4 केंद्रों का संचालन किया जा रहा है।

वंचित और गरीब वर्ग के छात्र-छात्राओं को एक नई दिशा देने जुटी योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी के अवसर पर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की शुरुआत की थी। यह योजना गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ते हुए उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अपने शुरूआत से ही यह योजना प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह दूरदर्शी पहल राज्य के वंचित और गरीब वर्ग के छात्र-छात्राओं को एक नई दिशा देने का काम कर रही है। इस योजना के माध्यम से छात्रों को नि:शुल्क कोचिंग, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

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