बसंत पंचमी पर ठाकुर बांकेबिहारी महाराज बहुरंगी गुलाल उड़ाकर बृज के विश्वप्रसिद्ध 40 दिवसीय होली महोत्सव का शुभारम्भ करेंगे। इसके लिए मंदिर में उत्सवीय तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। मंदिर सेवायत व इतिहासकार आचार्य प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि बांकेकिहारी मंदिर में बसंत पंचमी के दिन सर्वप्रथम बसंती वस्त्राभूषणों में सजे संवरे ठाकुर बांकेबिहारी की श्रृंगार सेवा के अंतर्गत गुलाल अर्पित किया जाएगा। हुरियारे स्वरूप में दर्शन दे रहे आराध्य प्रभु के समक्ष पंच मेवा युक्त केसरिया मोहनभोग का विशेष भोग धराया जायेगा।

मंदिरों की नगरी अब होली के रंगों में सराबोर होगी। बसंत पंचमी (तीन फरवरी) से मंदिरों में अबीर ग़ुलाल उड़ने लगेगा। ठाकुर बांकेबिहारी महाराज इस दिन दोनों गालों पर गुलाल लगवाकर भक्तों को दर्शन देंगे। पंचमी से धुलैंडी तक बिहारीजी को रोजाना गुलाल का प्रसाद लगाकर भक्तों पर बरसाया जायेगा। बसंत पंचमी से मंदिरों की नगरी में होली की शुरुआत हो जाएगी। मंदिरों में अबीर गुलाल उड़ना शुरू हो जाएगा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में सेवायत गोस्वामी थाली में प्राकृतिक गुलाल रखकर ठाकुरजी को भोग लगाएंगे और फिर ठाकुरजी के दोनों गालों पर गुलाल लगाकर भक्तों पर बरसाएंगे। यह क्रम पंचमी से शुरू होकर धुलैंडी तक चलेगा, जबकि रंगभरनी एकादशी से रंगों की भी शुरुआत हो जाएगी। मंदिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया कि बसंत पंचमी को श्रंगार आरती के बाद से अबीर गुलाल का बरसना शुरू हो जाएगा। इस दिन से ठाकुरजी के दोनों गालों पर गुलाल लगाया जाएगा और 40 दिवसीय होली उत्सव के दौरान धुलैंडी तक गालों पर रंग लगा दिखाई देगा। रंगभरनी एकादशी से रंगों की भी शुरुआत हो जाएगी और 14/15 मार्च तक होली का आयोजन मनाया जायेगा।

वृंदावन, शाहजी मंदिर में बसंती पंचमी के दिन बसंती कमरा खुलेगा जिसमें ठाकुर श्रीराधारमण महाराज रंगबिरंगी रौशनी से सजे कमरे में दर्शन देंगे। मंदिर के प्रबंधक प्रशांत शाह ने बताया कि तीन फरवरी को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 तक, सायं पांच से नौ बजे तक, चार फरवरी को सायं पांच बजे से रात्रि नौ बजे तक बसंती कमरा खुलेगा।

 

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