बसपा भी दिल्ली में सभी 70 सीटों पर अपने सूरमा उतार सकती है। उम्मीदवारों की पहली सूची जनवरी के मध्य तक जारी होने की संभावना है। पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि दिल्ली को पांच जोन में बांटकर उम्मीदवारों के नाम तय करने की प्रक्रिया चल रही है। कंडिडेट चयन प्रक्रिया की निगरानी के लिए हर जोन में कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए गए हैं।

पार्टी पदाधिकारी ने कहा- ये केंद्रीय कोऑर्डिनेटर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देंगे और उन्हें बहनजी (बसपा प्रमुख मायावती) को भेजेंगे। उम्मीदवारों पर अंतिम निर्णय कोऑर्डिनेटरों की सिफारिशों के आधार पर होगा। 15 जनवरी तक उम्मीदवारों की लिस्ट तय होने की उम्मीद है।

उन्होंने बताया कि मौजूदा वक्त में पार्टी की जमीनी स्तर पर छोटी-छोटी बैठकें हो रही हैं। इन बैठकों में प्रमुख मुद्दों और एजेंडों पर चर्चा की जाती है। इन चर्चाओं के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।

पार्टी पदाधिकारी ने बताया कि बसपा का चुनाव अभियान 5 जनवरी को शुरू होने की संभावना है। चुनाव की तारीखों और उम्मीदवारों की घोषणा होने के बाद मायावती और उनके उत्तराधिकारी चुनाव अभियान में भाग लेंगे।

बता दें कि बसपा ने 2020 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। उसे 0.71 फीसदी वोट मिले थे। बसपा ने 2015, 2013 और 2008 में भी राजधानी की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी ने 2003 में 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था।

साल 2015 में बसपा का वोट शेयर 1.13 प्रतिशत, 2013 में 5.35 प्रतिशत, 2008 में 14.05 प्रतिशत और 2003 में 5.76 प्रतिशत था। बसपा ने साल 2008 में दिल्ली में अपना उच्चतम वोट शेयर हासिल किया था। इस चुनाव में बसपा ने दो सीटें भी जीतीं थीं।

दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनावों में AAP और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है। आप 2015 से राजधानी में सत्ता में है। चुनाव प्रचार पहले से ही चल रहा है। AAP ने अपनी अंतिम सूची तक जारी कर दी है। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली से जबकि मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी से चुनाव लड़ रही हैं।

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