मंडल अध्यक्ष के दावेदार सोशल मीडिया में उम्र का गोलमाल कर रहे हैं। भाजपा में मंडल अध्यक्ष पद के लिए उम्र की सीमा को लेकर मुश्किलें हो गई हैं। भाजपा का दावा है कि 45 से अधिक उम्र वाले मंडल अध्यक्ष नहीं बन सकेंगे। एक दावेदार ने नामांकन करते ही फेसबुक पेज पर चार साल उम्र घटा दी।
महानगर गोरखपुर के एक वार्ड के भाजपा कार्यकर्ता ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की है। दावेदारी के एक दिन पहले फेसबुक पेज पर उनकी उम्र 49 साल थी। लेकिन जिस दिन पर्चा भरा सोशल मीडिया पेज पर उनकी उम्र 45 साल हो गई। कुछ विरोधियों ने उम्र के इस बदलाव का स्क्रीन शॉट ले लिया। अब नेताजी स्क्रीन शाट के वायरल होने के खतरे के बीच मुश्किल में दिख रहे हैं। मंडल अध्यक्ष की दावेदारी करने वालों के उम्र को लेकर गोलमाल की खूब चर्चा है। 45
असल में प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ.महेन्द्र नाथ पांडेय ने तय किया है कि मंडल अध्यक्ष पद पर युवाओं को तरजीह दी जाएगी। ऐसे में मंडल अध्यक्ष के दावेदारों के लिए उम्र का दायरा 35 से 45 वर्ष कर दिया गया है। इसके साथ ही लगातार दो बार मंडल अध्यक्ष रहने वालों को नामांकन ही नहीं करने दिया जा रहा है। उम्र के बंधन के चलते कई दावेदार मुश्किल में फंस गए हैं।
नामांकन के समय उम्र को लेकर न तो शपथ पत्र मांगा जा रहा है, न ही कोई दस्तावेज ही लगाना है। लेकिन उम्र दर्ज जरूर करना है। इसलिए ऐसे दावेदार जिनकी उम्र 50 के करीब भी है, उन्होंने नामांकन में अपनी उम्र 45 साल दर्शाई है। उम्र का ये खेल मेडिकल रोड से लेकर पिपरौली और सहजनवां से लेकर गोला क्षेत्र तक दिख रहा है। चर्चा है कि गोरखपुर मंडल में 45 से अधिक उम्र के 100 से अधिक लोगों ने नामांकन किया है।
गोरखपुर जिले में कुल 34 मंडल अध्यक्षों के चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इन पदों पर करीब 200 दावेदार हैं, इनके नाम पर अंतिम मुहर प्रदेश नेतृत्व को लगानी है। प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय ने एनेक्सी भवन में हुई बैठक में साफ कर दिया था कि 2019 से अभी तक रहे मंडल अध्यक्ष नामांकन नहीं कर सकेंगे। वे ही नामांकन कर सकेंगे तो कम से कम दो बार से सक्रिय सदस्य हैं। ऐसे में ज्यादातर मंडलों में नये चेहरे पर ही मुहर लगनी तय मानी जा रही है।
