मौलाना ने पुलिस प्रशासन पर भडक़ते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों ने हालात संभालने के बजाए मुस्लिम पक्ष पर गोलियां बरसाई, जिससे मुस्लिम नौजवानों की मौत हुई हैं। उन्होंने जिम्मेदारी न निभाने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों और भड़काऊ नारे लगाकर लोगों को उकसाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
मौलाना महमूद मदनी ने कहा
दूसरे गुट के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य मौलाना महमूद मदनी ने संभल हिंसा पुलिस की अन्यायपूर्ण और भेदभावपूर्ण कार्रवाई की वजह है। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही चेतावनी दी थी कि मस्जिदों में मंदिर खोजने की कोशिशें देश की शांति और सौहार्द के लिए खतरनाक हैं। संभल की हिंसा ने इस दृष्टिकोण को सत्यापित किया है।
अदालत के तत्काल सर्वे के आदेश पर भी उठाया सवाल
मौलाना मदनी ने कहा कि सर्वे करने पहुंची टीम के साथ मौजूद कुछ लोगों ने भड़काऊ नारेबाजी की, जो हिंसा का कारण बनी। पुलिस ने उन्हें क्यों नहीं रोका। मौलाना महमूद ने अदालत के तत्काल सर्वे आदेश पर भी सवाल उठाया। कहा कि यदि सरकार किसी समुदाय के जीवन और संपत्ति को कमतर समझती है तो यह संविधान और कानून का उल्लंघन है। उन्होंने अदालत की निगरानी में घटना की निष्पक्ष जांच, दोषी अधिकारियों को सजा और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की।
रविवार को हुआ था भारी बवाल
बता दें कि रविवार को संभल में मस्जिद का सर्वे करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में टीम पहुंची थी। उसी दौरान मस्जिद के बाद अराजकतत्व एकत्रित हुए और पुलिस पर फायरिंग और पथराव कर दिया। इस घटना में चार युवकों की मौत भी हुई है। पुलिस के करीब 30 लोग घायल हुए हैं। एक सिपाही की हालात गंभीर है। वहीं पूरे जिले में पुलिस और पीएसी लगी हुई है। हालात पर नजर डीआईजी, डीएम और एसपी लगातार नजर रखे हुए हैं। अब तक इस घटना में पुलिस का मानना है कि ये बवाल सुनियोजित था।
