महाराष्ट्र और झारखंड में विपक्ष को सियासी खेला का डर सताने लगा है। यही वजह है कि अलर्ट कांग्रेस ने दोनों ही राज्यों में अपने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि चुनाव परिमाण के बाद सभी विधायकों को मुंबई में एक स्थान पर भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर बहुमत आता है तो भी भाजपा सरकार बनाने में बाधा डाल सकती है।

23 नवंबर यानी शनिवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। दोपहर तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि दोनों राज्यों में किसकी सरकार बनने जा रही है। चुनाव नतीजों से पहले ही कांग्रेस अलर्ट हो गई है। पार्टी ने दोनों ही राज्यों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और डॉ. जी. परमेश्वर को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक बनाया गया है। तारिक अनवर, मल्लू भट्टी विक्रमार्क और कृष्णा अल्लावुरु को झारखंड के पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी मिली है।

महाराष्ट्र में ‘खेला’ से सतर्क विपक्षी गठबंधन

एक्जिट पोल ने विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (मविआ) की चिंता बढ़ा दी है। आज आघाड़ी के तीनों दलों के नेताओं ने अपने-अपने उम्मीदवारों से बातकर उन्हें एकजुट रहने की सलाह दी है। शनिवार को परिणाम आने के बाद आघाड़ी के सभी विधायकों को एक ही स्थान पर रखने की तैयारी भी की जा रही है। ताकि कोई ‘खेला’ होने से बचा जा सके।

एक साथ रहेंगे मविआ के विधायक

मतदान के बाद आए ज्यादातर एक्जिट पोल्स में महायुति को बढ़त मिलने की संभावना जताई गई है। हालांकि ऐसे संभावना वाले एक्जिट पोल्स पर मविआ नेताओं ने अविश्वास जताते हुए अपनी ही सरकार बनने का दावा किया है। मगर उनकी चिंता भी बढ़ी दिख रही है। शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि महाविकास अघाड़ी के घटक दलों ने महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के बाद अपने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को मुंबई में एक साथ रखने का फैसला किया है।

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