कार्तिक पूर्णिमा स्नान को गंगा समेत नदियों के तटों पर श्रद्धा भक्ति उमड़ी पड़ी। श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव व गंगा मईया के जयघोष के साथ डुबकी लगाकर हवन पूजन किया और सत्यनारायण भगवान की कथा सुनी। पुरोहितों को  खुराक के साथ दान पुण्य किया। बड़ी संख्या में भक्तों ने कन्याओं व संतों को भोज कराकर उन्हें दक्षिणा भेंट की।

तिगरीधाम में गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब

कार्तिक पूर्णिमा पर तिगरीधाम में गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। दूर तक श्रद्धालुओं के सिर ही सिर नजर आ रहे थे। स्नान के दौरान हर-हर गंगे व महादेव के जयकारों से वातावरण गूंज उठा।
प्रशासन के मुताबिक, इस बार पिछले साल से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। लगभग 35 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है। सदर के सामने वाले घाट पर सबसे ज्यादा स्नान का सिलसिला देखने को मिला। 

बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में तिगरीधाम में उत्तरी-भारत का ऐतिहासिक मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार भी हुआ था। 11 नवंबर को मेला शुरू हुआ और शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान किया गया। 

भोर होते ही घाटों पर आस्था सैलाब

यूं तो गुरुवार की देर शाम से ही श्रद्धालुओं का मेले में पहुंचाना शुरू हो गया था। हजारों श्रद्धालुओं ने दीपदान के बाद गंगा में स्नान किया, लेकिन शुक्रवार को भोर होते ही घाटों पर आस्था सैलाब उमड़ पड़ा।
मेले में स्नान के लिए बनाए गए नौ घाटों पर श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आए।  गंगा का किनारे पूरी तरह आस्था से रंग गया। हर-हर गंगे, महादेव और जय गंगा मैया के जयकारों से वातावरण गूंजता रहा। 

श्रद्धालुओं की भीड़ का अनुमान लगाया जाए तो मेला प्रभारी एवं एडीएम न्यायिक मायाशंकर यादव का कहना है कि इस बार मेले में सेक्टर भी बढ़ाए गए हैं। जो, पूरी तरह से श्रद्धालुओं के तंबुओं से भरे रहे। बोले, पिछली बार से अधिक श्रद्धालु इस बार पहुंचे हैं। अनुमानित संख्या 35 लाख मानी जा रही है।

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