झारखंड चुनाव को लेकर प्रचार अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। पहले चरण की वोटिंग के बाद दूसरे चरण के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। आदिवासी अधिकारों का मुद्दा भी काफी बड़ा बन चुका है, इसी वजह से सभी दल इस समुदाय को साधने की कोशिश में हैं। अब इसी कड़ी में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जेएमएम की सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उनकी तरफ से दो टूक कहा गया है कि इस सरकार ने आदिवासी समाज के लिए कुछ नहीं किया।

झारखंड में कितना बड़ा आदिवासी मुद्दा?

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज संथाल में आदिवासी समुदाय की संख्या 44 फीसदी से फिसलकर 28 फीसदी हो गई है। पाकुड़ में तो यह समाज अल्पसंख्यक बन चुका है। अगर अब भी संथाल के लोगों के साथ खड़ा नहीं हुआ गया तो भविष्य खतरनाक होगा। सवाल तो पूछना पड़ेगा कि आदिवासी चले कहां गए हैं? अब केंद्रीय मंत्री की तरफ से सिर्फ आंकड़ों में बात नहीं की गई, उनकी तरफ से कुछ पुराने मामलों का भी जिक्र हुआ।

शिवराज क्यों बोले- साधारण चुनाव नहीं

उनकी तरफ से कहा गया कि जेएमएम बात आदिवासियों की करती है, लेकिन उनके लिए क्या किया गया है। हम सभी जानते हैं कि रुबिका पहाड़िया और अंकिता सिंह के साथ क्या हुआ था। झारखंड के लोगों को समझना पड़ेगा कि यह कोई साधारण चुनाव नहीं है, बीजेपी पूरी तरह मां-बेटी और झारखंड की रोटी की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इंडिया बनाम बीजेपी की सियासी जंग

झारखंड चुनाव की बात करें तो पहले चरण की वोटिंग संपन्न हो चुकी है, दूसरे चरण की वोटिंग 20 नवंबर को होने वाली है। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे जब साफ हो जाएगा कि इंडिया गठबंधन की जीत होने वाली है या फिर लोकसभा चुनाव में मिले झटके के बाद बीजेपी की वापसी होने वाली है।

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