कर्नाटक कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक सईद अजीम पीर खादरी ने मंगलवार को यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया है कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा हुआ होता तो राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर और कई दलित आज मुसलमान होते। खादरी सोमवार को कर्नाटक के शिवगांव में एक राजनीतिक रैली को संबोधित कर रहे थे। उनके इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि इससे पार्टी के विचारों का पता चलता है।
कांग्रेस नेता अजीम पीर खादरी ने भाषण में कहा, “मैंने पढ़ा था कि बाबा साहेब आंबेडकर अपने आखिरी दिनों में बौद्ध धर्म में शामिल हुए थे लेकिन अगर वह बौद्ध धर्म न अपनाते तो वह इस्लाम धर्म को अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार थे।” खादरी ने आगे कहा कि अगर बाबासाहेब आंबेडकर इस्लाम धर्म अपनाते तो उनका नाम एल हनुमंथैया हसन साब होता। उनका यह बयान खास तौर पर मुस्लिम और दलित के बीच रिश्ते से जुड़ा था। खादरी ने आगे कहा, “आज भी मुस्लिम और दलितों के बीच एक गहरा रिश्ता है। आप कहीं भी दलितों को देखेंगे, वहां अक्सर मुस्लिम दरगाहें भी होंगी।” उनके मुताबिक दोनों समुदायों के बीच एक गहरा जुड़ाव है और आंबेडकर भी इस रिश्ते को समझते थे। कांग्रेस नेता ने दावा किया, “अगर बाबासाहेब आंबेडकर इस्लाम में शामिल हो गए होते तो रामप्पा (तिम्मापुर) रहीम होते, डॉ जी परमेश्वर ‘पीर साहब’ होते, हनुमंत गौड़ा हसन होते और मंजूनाथ तिम्मापुर ‘महबूब’ होते।”
कांग्रेस ने बनाई दूरी
खादरी के बयान के वायरल होने के तुरंत बाद कांग्रेस पार्टी ने बयान से दूरी बनाई है। भाषण में समय मंच पर मौजूद एमएलसी नागराज यादव ने न्यूज18 से बात करते हुए ‘अनुचित टिप्पणी’ बताया और कहा कि वे इसका बिल्कुल भी समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, “डॉ आंबेडकर भारत के अब तक के सबसे महान नेताओं में से एक हैं। वह चाहते थे कि सभी लोग सभी धर्मों को स्वीकार करें। खादरी को इस तरह के बयानों पर लगाम लगानी चाहिए।”
भाजपा का हमला
वहीं कांग्रेस नेता पर हमला करते हुए भाजपा ने कहा कि खादरी का बयान उनकी और उनकी पार्टी की अज्ञानता को दर्शाता है। भाजपा नेता सीटी रवि ने कहा, “हैदराबाद निजाम द्वारा आंबेडकर को इस्लाम में शामिल करने के प्रयास किए गए थे और उन्होंने उन्हें करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का प्रयास किया था। आंबेडकर ने स्पष्ट रूप से कहा था कि इस्लाम में समानता नहीं है और इसमें असहिष्णुता है।”