इस साल की दीवाली तीन सालों में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। पराली जलाने के मामलों में आई तेजी पटाखे जलाए जाने और मौसमी कारकों से दिल्ली के वायु गुणवत्ता स्तर में पिछले दो सालों के मुकाबले गिरावट देखने को मिली। हालांकि तेज रफ्तार हवा ने एक्यूआई गंभीर श्रेणी में नहीं पहुंचने दिया। खबर के माध्यम से जानें बीते कुछ सालों का रिकॉर्ड।
इस बार की दीवाली तीन सालों में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही है। पराली जलाने के मामलों में आई तेजी, पटाखे जलाए जाने और मौसमी कारकों से दिल्ली के वायु गुणवत्ता स्तर में पिछले दो सालों के मुकाबले गिरावट देखने को मिली। हालांकि तेज रफ्तार हवा ने एक्यूआई गंभीर श्रेणी में नहीं पहुंचने दिया।
दिल्ली में इस बार मानसून का सीजन सामान्य से अच्छा रहा था। इसके चलते वायु गुणवत्ता भी पहले की तुलना में साफ-सुथरी रही थी। लेकिन, अक्टूबर महीने की दस तारीख के बाद से ही वायु गुणवत्ता खराब होने लगी और 13 तारीख से हवा खराब श्रेणी में चली गई।
दिल्ली की हवा पर पड़ने लगा पराली की धुएं का असर
इसके बाद से केवल एक दिन ऐसा रहा है जब वायु गुणवत्ता का स्तर 200 के नीचे आया हो। हवा की रफ्तार कम होने और पराली के धुएं का असर अब दिल्ली की हवा पर साफ दिखाई देने लगा है।