-किसान संगठन ने उठाई आवाज, दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की
-हरियाली बढ़ाने के तमाम प्रयासों की असल हकीकत आई सामने
(मथुरा)(ए.के.शर्मा) बुधवार को देर रात वैष्णो देवी मंदिर छटीकरा के सामने करीब 35 एकड़ में स्थापित डालमिया फार्म हाउस से जेसीबी और कटर मशीन से भू माफियाओं द्वारा सेंकड़ों की संख्या में कटवाए गए हरे पेड़ों का मामला गर्माता जा रहा है। इसी मामले को लेकर शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय प्रवक्ता हरेश ठेनुआ, राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र पहलवान के नेतृत्व में यूनियन के करीब दो दर्जन कार्यकर्ता डालमिया फार्म हाउस पर पहुंचे। यहां उन्होंने काफी देर तक सेंकड़ों काटे गए हरे वृक्षों का बारीकी से जायजा लिया और जिला प्रशाशन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की और कहा कि यह सब कुछ जिला प्रशासन की मिलीभगत से हुआ है। इस मामले में जनपद मथुरा के कई जमीन कारोबारी शामिल हैं। थाना जैंत पर दर्ज कराई रिपोर्ट में वन विभाग द्वारा भी खेल किया गया है। रिपोर्ट में रसूखदार आरोपियों को बचाने का काम किया गया है। अचरज की बात है कि दर्जनों जेसीबी मशीनें और कटर मशीनें छह घंटे तक प्राचीन बरगद पीपल, नीम, कदम, जामुन के पेड़ों को काटती रहीं। वन विभाग, स्थानीय पुलिस गहरी नींद में सोती रही। आखिर यूपी डायल 112 को पीआरवी भी भ्रमणशील रहती हैं। पेड़ों का कटान करते समय रोड की बिजली भी गायब रही। इस से साफ जाहिर होता है कि सोची समझी रणनीति के तहत रसूखदार भू माफियाओं द्वारा बड़ी घटना को अंजाम दिया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे प्रदेश में पौधारोपण कर हरा भरा करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका जिला प्रशासन प्राचीन पेड़ों को संरक्षण देकर करवाने में लगा हुआ है। वन विभाग द्वारा कटे पेड़ों की संख्या 300 बताई गई है। जबकि कम से कम एक हजार पेड़ काटे गए हैं। एनजीटी को भी स्वतः संज्ञान लेकर पेड़ों को नष्ट करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। वन विभाग और स्थानीय पुलिस यूपी डायल 112 पीआरवी की भूमिका की भी उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। वन माफियाओं द्वारा करीब 26 सरकारी पेड़ भी काट दिए गए हैं। उनका भी वन विभाग में अलग से केस दर्ज कर लिया गया है। घटना का उनको भी भारी दुख है। यदि कटान के समय सूचना वन विभाग को मिल जाती तो तत्काल कार्रवाई कर दी जाती। एसएसपी मथुरा से भी गहनता से घटना की जांच करवाने का अनुरोध किया गया है। वन माफियाओं ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया है। जो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। हर हाल में जांच में जितने भी आरोपी सामने आयेंगे चाहे वह कितने भी रसूखदार क्यों न हों सभी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

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