बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच एवं उनके पति धवल बुच ने रविवार को कहा कि अमेरिकी रिसर्च एंड निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और चेयरपर्सन का चरित्र हनन करने की कोशिश कर रही है। बता दें कि हिंडनबर्ग ने शनिवार रात को जारी एक रिपोर्ट में संदेह जताया है कि अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी की अनिच्छा का कारण सेबी प्रमुख और उनके पति धवल बुच की अडानी समूह से जुड़े विदेशी फंड में हिस्सेदारी हो सकती है। माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने एक ज्वांइट स्टेटमेंट जारी किया है।
1. बयान के अनुसार, माधबी बुच आईआईएम अहमदाबाद की पूर्व छात्रा हैं और उनका बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में दो दशकों से अधिक का कॉर्पोरेट करियर रहा है। वहीं, उनके पति धवल बुच आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र हैं और भारत में हिंदुस्तान यूनिलीवर में 35 साल का कॉर्पोरेट करियर रहा है और फिर यूनिलीवर में इसकी सीनियर मैनेजमेंट टीम के हिस्से के रूप में वैश्विक स्तर पर कार्यरत थे।
2. हिंडनबर्ग के इन आरोपों के जवाब में बुच दंपति ने रविवार शाम को जारी एक विस्तृत बयान में कहा कि आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट के एक फंड में उनका निवेश सिंगापुर स्थित निजी नागरिक के रूप में किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि माधवी के सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में शामिल होने से दो साल पहले यह निवेश किया गया था।
3. इस फंड में निवेश करने का निर्णय इसलिए था क्योंकि मुख्य निवेश अधिकारी अनिल आहूजा, स्कूल और आईआईटी दिल्ली से धवल के बचपन के दोस्त हैं और सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन और 3i ग्रुप पीएलसी के पूर्व कर्मचारी होने के नाते कई दशकों का मजबूत निवेश करियर था।
4. बुच दंपति ने कहा कि 2019 से ब्लैकस्टोन में वरिष्ठ सलाहकार धवल निजी इक्विटी फर्म के रियल एस्टेट पक्ष से नहीं जुड़े हैं। बयान के मुताबिक, वर्ष 2017 में सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में माधवी की नियुक्ति के तुरंत बाद उनकी दो परामर्श कंपनियां निष्क्रिय हो गईं थीं।
5. बयान में कहा गया, ‘भारत में कई तरह के नियामकीय उल्लंघनों के लिए हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नोटिस का जवाब देने के बजाय उसने सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और सेबी चेयरपर्सन के चरित्र हनन की कोशिश करने का विकल्प चुना है।’ बता दें कि हिंडनबर्ग के अपनी ताजा रिपोर्ट जारी करने के तुरंत बाद एक बयान में बुच ने आरोपों को निराधार बताया था।
क्या है आरोप?
हिंडनबर्ग के मुताबिक, माधवी और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी फंडों में अघोषित निवेश किया था। उसने कहा कि ये वही फंड हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अडानी ने पैसों की हेराफेरी करने और अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। विनोद अडानी, अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े भाई हैं।
