बांग्लादेश छोड़ने से पहले शेख हसीना जनता को संबोधित करना चाहती थीं। उन्होंने कहा, ‘अगर में अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप सौंपकर बंगाल की खाड़ी पर राज करने की अनुमति देती, तो मैं सत्ता में बनी रह सकती थी।’
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़ने से पहले जनता को संबोधित करना चाहतीं थीं। खासतौर पर वे उन प्रदर्शनकारियों के नाम संदेश देना चाहतीं थीं, जिनके वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के आवास में तोड़फोड़ कर दी और इस वजह से उच्च सुरक्षा अधिकारियों ने पूर्व पीएम को तत्काल देश छोड़ने की सलाह दी।
शेख हसीना ने साझा की ये खास बातें
अब भारत में 76 वर्षीय शेख हसीना में भारत में अपने करीबी सहयोगियों से यह खास बातें साझा की हैं। अपने पत्र में शेख हसीना ने अमेरिका पर बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन की योजना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो अपने संबोधन में ये बातें कहेंगीं। शेख हसीना ने कहा, ‘मैंने इसलिए इस्तीफा देने का फैसला लिया क्योंकि मैं और लोगों को मरते हुए नहीं देखना चाहती थी। वे छात्रों की लाश पर चढ़कर सत्ता हासिल करना चाहते थे लेकिन मैंने इसकी इजाजत नहीं दी। इस वजह से मैंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।’
अमेरिका पर लगाए गंभीर आरोप शेख हसीना ने इसके बाद अमेरिका पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप को को सौंपकर बंगाल की खाड़ी पर राज करने की अनुमति देती, तो मैं सत्ता में बनी रह सकती थी। मैं अपने देश के लोगों से प्रार्थना करती हूं कि ऐसे अतिवादियों के झांसे में ना आएं।’ आपको बता दें कि सेंट मार्टिन द्वीप तीन वर्ग किलोमीर का क्षेत्र है और बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व का क्षेत्र है। यह बांग्लादेश के सुदूर दक्षिण में स्थित है।
‘मैं देश में रहती तो और लोगों की मौत हो सकती थी’
शेख हसीना ने आगे कहा, ‘अगर मैं देश में रहती तो और भी लोगों की मौत हो सकती थी। इस वजह में मैंने देश छोड़ने का फैसला लिया। आप लोग मेरी ताकत हैं। आप लोग मुझे नहीं चाहते थे इस वजह से मुझे देश छोड़ना पड़ा।’ शेख हसीना ने अपने संदेश में अपनी पार्टी के सहयोगियों से आगे कहा कि आवामी लीग ने हमेशा वापसी की है। उन्होंने कहा, ‘उम्मीद मत छोड़िए। मैं जल्द वापस लौटूंगी। मैं हार गई लेकिन बांग्लादेश की जनता जीत गई। वो लोग जिनके लिए मेरे पिता और मेरे परिवार के सदस्यों ने जान दे दी।’ आपको बता दें कि बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बीच आवामी लीग की नेता को इस्तीफा देना पड़ा था। शेख हसीना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
शेख हसीना और अमेरिका के रिश्तों में तनातनी
शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहने के दौरान अमेरिका और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनातनी देखने को मिली थी। अमेरिका ने यहां तक कह दिया था कि बांग्लादेश में जनवरी में हुए चुनाव निष्पक्ष नहीं थे। आपको बता दें कि जनवरी में हुए चुनाव में आवामी लीग सत्ता में लौटी थी। बांग्लादेश छोड़ने से कुछ महीने पहले ही शेख हसीना ने बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार गिराने के लिए साजिशें रची जा रही हैं। उन्होंने अमेरिका पर बांग्लादेश और म्यांमार से बाहर एक नया ईसाई देश बनाने की साजिश करने का आरोप लगाया था। इस वर्ष मई के महीने में शेख हसीना ने कहा था, ‘अगर मैं किसी खास देश को बांग्लादेश में हवाई अड्डा बनाने की अनुमति देती तो इस तरह की साजिशें नहीं रची जाती।’