‘एक दिन के लिए यहां बैठ जाइए, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आप अपनी जिंदगी से दूर भागने लगेंगे।’ देश की सर्वोच्च अदालत में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ एक वकील पर गुस्सा करते हुए नजर आए। दरअसल, वकील द्वारा शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने के मामले की जल्द सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत पर दबाव डाला जा रहा था। महाराष्ट्र में राजीनीतिक विवाद से जुड़े दो अलग अलग मामलों में सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत में दो याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पादरीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ तारीखें तय कर रहीं थीं।
पहला मामला
पहला मामला उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना से जुड़ा है। इसे लेकर उद्धव ठाकरे पक्ष की तरफ से अदालत में याचिका दायर की गई। याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ते आदेश को चुनौती दी गई है। राहुल नार्वेकर ने विधायनसभा में आदेश पारित किया था कि जून 2022 में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना ही असली राजनीतिक पार्टी है।
पहला मामला उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना से जुड़ा है। इसे लेकर उद्धव ठाकरे पक्ष की तरफ से अदालत में याचिका दायर की गई। याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ते आदेश को चुनौती दी गई है। राहुल नार्वेकर ने विधायनसभा में आदेश पारित किया था कि जून 2022 में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना ही असली राजनीतिक पार्टी है।
दूसरा मामला
इसके अलावा अदालत में दूसरी याचिका शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से दायर की गई है। इस याचिका में भी राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती दी गई है। राहुल नार्वेकर ने अजित पवार नीत राकांपा को असली पार्टी बताया था। इस संबंध में शीर्ष अदालत ने अजित पवार और उनके 40 विधायकों को शरद पवार पक्ष की तरफ से दायर याचिका को लेकर नोटिस जारी किया था।
इसके अलावा अदालत में दूसरी याचिका शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से दायर की गई है। इस याचिका में भी राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती दी गई है। राहुल नार्वेकर ने अजित पवार नीत राकांपा को असली पार्टी बताया था। इस संबंध में शीर्ष अदालत ने अजित पवार और उनके 40 विधायकों को शरद पवार पक्ष की तरफ से दायर याचिका को लेकर नोटिस जारी किया था।