निवर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की आखिरी कैबिनेट मीटिंग बुधवार को की। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस्तीफा सौंप दिया। अब वह 8 जून को अपने तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ले सकते हैं। इस बीच उन्होंने आखिरी कैबिनेट में अपने सहयोगियों से कहा कि हार और जीत तो राजनीति का हिस्सा है। नंबरगेम चलता रहता है। कैबिनेट की मीटिंग में चुनाव के नतीजों पर भी चर्चा हुई। इस मीटिंग में लोकसभा को भंग करने की सिफारिश की गई और पीएम समेत पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया।

इस बीच खबर है कि चंद्रबाबू नायडू ने कम से कम 4 मंत्रालयों की मांग रख दी है। इतनी ही मांग नीतीश कुमार की भी है। इसके अलावा उनकी मांग है कि राज्य में 6 महीने के अंदर ही विधानसभा चुनाव करा लिए जाएं। लोकसभा स्पीकर के पद पर भी नीतीश कुमार और नायडू की नजर है। इस तरह दोनों ही दल नरेंद्र मोदी से कठिन समझौते की कोशिश में जुटे हैं। गौरतलब है कि लगातार 10 सालों तक पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने के बाद भाजपा को इस बार पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में उसे सहयोगी दलों के भरोसे रहना होगा।

इस बैठक के बाद पीएम सीधे राष्ट्रपति भवन पहुंचे और द्रौपदी मुर्मू को इस्तीफा सौंपा। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और कहा कि आप नई सरकार के गठन तक अपने मंत्रियों के साथ कामकाज संभालते रहें। आज ही एनडीए के नेताओं की पीएम आवास पर मीटिंग भी है। इस बैठक में एनडीए सरकार के स्वरूप को लेकर चर्चा होगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मीटिंग में पहुंच चुके हैं। उनके साथ ललन सिंह और संजय झा भी हैं। थोड़ी ही देर में आंध्र प्रदेश में बड़ा बहुमत पाने वाले चंद्रबाबू नायडू भी पहुंच रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में सहयोगी दलों से समर्थन पत्र ले लिया जाएगा और फिर सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा।

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