उत्तर प्रदेश के रामपुर में दो गुटों के बीच झड़प में एक युवक की मौत हो गई। इस विवाद की शुरुआत बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर की होर्डिंग लगाने को लेकर हुई। इस दौरान गोली चलने से युवक की मौत हो गई। पीड़ित परिजनों से भीम आर्मी प्रमुख ने मुलाकात भी की है।
रामपुर जिले के मिलक क्षेत्र में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर लगी होर्डिंग लगाने को लेकर दो पक्षों में हुई झड़प में गोली लगने से एक दलित युवक की मौत हो गयी तथा दो लोग घायल हो गए। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने मृतक के परिजन से मुलाकात की और घटना के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर हमला किया। उन्होंने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की। वारदात में मारे गये युवक के परिजन ने आंबेडकर के चित्र के नीचे शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि युवक की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी गांव पहुंच गए और पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग पर अड़े परिजनों को समझा-बुझाकर शांत किया और शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा।
गोली लगने से युवक की हुई मौत
मौके पर पहुंचे मुरादाबाद के मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि मिलक थाना क्षेत्र के सिलाई बाड़ा गांव में एक भूखंड पर दलित समाज के लोगों ने खाद बनाने के लिये एक गड्ढा तैयार किया था। कुछ दिन पहले उन्होंने गड्ढा पाटकर उस पर आंबेडकर की होर्डिंग लगा दी और प्रतिमा लगाने की तैयारी शुरू कर दी। सिंह ने बताया कि गांव के ही दूसरे समुदाय के लोगों ने ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए प्रशासन से इसकी शिकायत की थी। इस पर मंगलवार की शाम को स्थानीय तहसीलकर्मी पुलिस की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर अवैध कब्जा हटाने लगे। इसी दौरान दलित समुदाय और दूसरे पक्ष के बीच विवाद हो गया, जिसने हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान गोली चलने से सोमेश (17) नामक दलित लड़के की मौत हो गयी तथा दो अन्य घायल हो गये।
भीम आर्मी प्रमुख ने पीड़ित परिजनों से की मुलाकात
उन्होंने बताया कि इस घटना को लेकर मृतक के परिजन ने आंबेडकर की होर्डिंग के नीचे उसका शव रखकर प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि सोमेश की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। वे आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। बहरहाल, उन्हें कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया गया। उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार ने इस सिलसिले में थाने में तहरीर दी है। मामले की गहराई से जांच की जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस की गोली लगने से सोमेश की मौत हुई है, मंडलायुक्त ने बताया, ‘‘जांच के दौरान यह सारे मामले आएंगे। जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।’’ भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद ने गांव पहुंचकर मृतक के परिजनों से मुलाकात की। आजाद ने घटना के लिए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर हमला किया और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘सोमेश ने दिखाया है कि अगर भीमराव आंबेडकर के संविधान को हटाने की कोशिश की गई तो लाखों सोमेश पैदा होंगे जो अपनी जान दे देंगे लेकिन संविधान पर कोई आंच नहीं आने देंगे।’’