बिजली विभाग के अफसरों ने एक ग्राहक की गुहार नहीं सुनी। मामला राज्य सूचना आयोग पहुंचा तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आयोग ने अनाथालय के बच्चों को खाना खिलाने की सजा दी है। इसका वीडियो भी भेजना होगा।

बिजली विभाग ने 4000 की जगह भेजा ढाई लाख का बिल, अब अनाथ बच्चों को खिलाना होगा खाना

बिजली विभाग की कारस्तानियों आए दिन सामने आती रहती हैं। वाराणसी में भी ऐसी एक कारस्तानी सामने आई है। जिस ग्राहक का बिल तीन चार हजार होना चाहिए था उसे सवा दो लाख का बिल भेज दिया। ग्राहक ने गुहार लगाई तो किसी ने नहीं सुनी। यहां तक की बिजली विभाग के आला अधिकारी भी कान में तेल डाले रहे। मामला सूचना आयोग पहुंचा तो हड़कंप मच गया। आयोग ने दो अभियंताओं को रोचक सजा सुनाई है। अभियंताओं को दो अनाथालयों के बच्चों को 24 फरवरी को भोजन कराना होगा। इसके लिए 25 हजार रुपये की राशि तय की गई है। बच्चों को भोजन कराने का वीडियो सूचना आयोग को भेजना होगा।

राज्य सूचना आयोग ने विद्युत वितरण मंडल सर्किल (द्वितीय) के अधीक्षण अभियंता (एसई) अनिल वर्मा, अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) आरके गौतम, मैदागिन उपकेंद्र के तत्कालीन एसडीओ रवि आनंद और चौक उपकेंद्र के एसडीओ सर्वेश यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन अभियंताओं ने लखनऊ में आयोग के समक्ष पेश होकर माफी मांगी।

अधीक्षण अभियंता ने आयोग को बताया कि उपभोक्ता को भेजी गई 2.24 लाख रुपये की आरसी वापस ले ली गई है। आरसी से पहले बने दो लाख रुपये के बिजली बिल को संशोधित कर 3900 रुपये कर दिया गया है। राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने 20 फरवरी को सुनवाई की। आदेश 21 फरवरी को सुनाया।

क्या था प्रकरण
उमाशंकर यादव (72 )के पिता स्व. बसंतु यादव के नाम से नगरीय विद्युत विद्युत वितरण खंड-तृतीय (मछोदरी) के अधिशासी अभियंता आरके गौतम ने एक जनवरी 1911  की तारीख में 2.24 लाख की आरसी काट दी थी। उमाशंकर ने एक्सईएन को बताया था कि  वर्ष 1911 में बसंतु का सीके 61/128 में कोई नामांकन नहीं था। न ही इसका कोई साक्ष्य है। बसंतु की मृत्यु दो दिसंबर 1992 को हो गई थी। उनके नाम के कनेक्शन की पीडी भी हो चुकी है।

एक्सईएन ने बात नहीं सुनी। अधीक्षण अभियंता से भी राहत न मिलने पर उमाशंकर ने राज्य सूचना आयोग में अपील की। यह प्रकरण सबसे पहले ‘हिन्दुस्तान’ में प्रकाशित हुआ था। राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती के अनुसार इससे पहले किसी प्रकरण में चार बिजली अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट नहीं जारी किया गया था। अनाथालयों के बच्चों को खाना खिलाने का भी यह पहला आदेश है।

 

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *