आम आदमी पार्टी (AAP) के सबसे बड़े नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक खास मिशन पर हैं। सीएम केजरीवाल विपक्षी दलों के नेताओं से भेंट-मुलाकात कर समर्थन मांग रहे हैं।

केजरीवाल केंद्र सरकार के ट्रांसफर-पोस्टिंग वाले अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी खेमे को एकजुट कर रहे हैं। इस कड़ी में एमके स्टालिन, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, आदि कई नेताओं ने केजरीवाल का सपोर्ट किया है। लेकिन इस मुद्दे पर कांग्रेस अभी चुप्पी साधे हुए है। ऐसे में राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस को केजरीवाल का समर्थन करना चाहिए? इसी सवाल को लेकर एक सर्वे किया गया। सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।

केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ क्या कांग्रेस को सीएम केजरीवाल का सपोर्ट करना चाहिए? इस सवाल के साथ सी वोटर्स ने एबीपी न्यूज के लिए एक सर्वे किया। सर्वे के मुताबिक, कुल 46 फीसदी लोगों ने कहा कि हां कांग्रेस को केजरीवाल का समर्थन करना चाहिए। वहीं 37 फीसदी लोगों ने कहा कि कांग्रेस को केजरीवाल का सपोर्ट नहीं करना चाहिए। 17 फीसदी जनता ने इस बारे में कोई भी जवाब नहीं दिया।

गौरतलब है कि बीते महीनों जब सीबीआई ने सीएम केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था तब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केजरीवाल के पास फोन कर हालचाल लिया था। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा था कि कांग्रेस और AAP की नजदीकियां बढ़ रही हैं। हालांकि दिल्ली कांग्रेस केजरीवाल के समर्थन के सख्त खिलाफ है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने तो केजरीवाल के आवास रिनोवेशन मुद्दे पर AAP को जमकर घेरा था। उन्होंने कहा था कि केजरीवाल के बंगले पर 45 नहीं 171 करोड़ खर्च हुए हैं।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की शक्ति दी थी। केंद्र ने एक अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार से यह शक्ति वापस ले ली है। इस अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल विपक्षी दलों के नेताओं को एकजुट कर रहे हैं। इस कड़ी में कई नेताओं ने खुलकर केजरीवाल का सपोर्ट किया। हालांकि कांग्रेस अभी तक अध्यादेश वाले मुद्दे को लेकर चुप्पी साधे हुए है।

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