नई दिल्ली : भारत की राजधानी दिल्ली स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय का नाम बदले जाने को लेकर भाजपा-कांग्रेस में जुबानी जंग जारी है. इसे लेकर शुक्रवार को भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और इसे ‘राजनीतिक अपच’ का उत्कृष्ट उदाहरण करार दिया.

भाजपा ने कहा कि प्रमुख विपक्षी दल इस सच्चाई को स्वीकार करने में अक्षम है कि एक परिवार से परे भी ऐसे नेता रहे हैं, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा की.

नाम बदलने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति

बताते चलें कि दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी (एनएमएमएल) का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी’ कर दिया गया है, जिसे लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए आपत्ति दर्ज कराई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया कि जिनका कोई इतिहास ही नहीं, वे दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं! नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से आधुनिक भारत के शिल्पकार और लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता. इससे केवल भाजपा-आरएसएस की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है. उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती.

जेपी नड्डा ने खुद मोर्चा संभाला

मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस के अन्य नेताओं की टिप्पणी के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुद मोर्चा संभाला और कहा कि प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी राजनीति से परे एक प्रयास है और विपक्षी दल के पास इसे महसूस करने के लिए दृष्टि की कमी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के ट्वीट को टैग करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनकी टिप्पणी को ‘राजनीतिक अपच’ का उत्कृष्ट उदाहरण बताया और कहा कि वह इस सच्चाई को स्वीकार करने में अक्षम है कि एक परिवार से परे भी ऐसे नेता हैं, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सेवा और उसका निर्माण किया है.

नाम बदलना राजनीति से परे एक प्रयास : जेपी नड्डा

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक के बाद एक सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है और कांग्रेस के पास इसे महसूस करने के लिए दृष्टि की कमी है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस का दृष्टिकोण विडंबनापूर्ण है, क्योंकि उनकी पार्टी का एकमात्र योगदान सभी पिछले प्रधानमंत्रियों की विरासत को मिटाना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल एक परिवार की विरासत बच सके.

नाम बदलने से देश के हर प्रधानमंत्री को सम्मान

जेपी नड्डा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री संग्रहालय में हर प्रधानमंत्री को सम्मान मिला है और पंडित जवाहरलाल नेहरू से संबंधित हिस्सों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, इसकी प्रतिष्ठा बढ़ाई गई है. एक ऐसी पार्टी के लिए जिसने 50 साल से अधिक समय तक भारत पर शासन किया, उनकी क्षुद्रता वास्तव में दुखद है. यही कारण है कि लोग उन्हें अस्वीकार कर रहे हैं.

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