चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के गुजरात और महाराष्ट्र तट से टकराने से पहले कच्छ के मांडवी समुद्र तट पर इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है. समुद्र में लहरें ऊंची उठ रही हैं.

तूफान से बचाव के लिए दोनों राज्यों में तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. आईएनएस हंसा और शिकरा को भी तैनात कर दिया गया है. हंसा को गोवा में जबकि शिकरा को मुंबई में अलर्ट पर रखा गया है.

महाराष्ट्र, गुजरात में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 33 टीमें बनायी गयी

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने गुजरात और महाराष्ट्र में राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए कुल 33 टीमों को जिम्मा सौंपा गया है. एनडीआरएफ की 18 टीमों को गुजरात में रखा गया है, एक को दीव में तैनात किया गया है. एनडीआरएफ की चार टीमों को कच्छ जिले में, राजकोट और देवभूमि द्वारका में तीन-तीन, जामनगर में दो, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, मोरबी, वलसाड और गांधीनगर में एक-एक टीम तैनात की गई है.

महाराष्ट्र में 14 टीमों में से पांच को मुंबई में तैनात किया गया

महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की कुल 14 टीमों में से पांच को मुंबई में तैनात किया गया है जबकि बाकी को तैयार स्थिति में रखा गया है। उन्होंने बताया कि इनमें से प्रत्येक टीम में लगभग 35-40 कर्मी हैं और वे पेड़ और खंभा कटर, बिजली से चलने वाली आरी, हवा भरकर फुलाये जाने वाली नौका और आम बीमारियों की दवाएं और राहत सामग्री से लैस हैं.

गुजरात के तटीय इलाकों से 50 हजार लोगों को निकाला गया, रक्षा मंत्री ने की बैठक

गुजरात के कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह के पास शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपरजॉय’ की संभावित दस्तक से पहले अधिकारियों ने राज्य के तटीय इलाकों से अब तक लगभग 50 हजार लोगों को निकालकर अस्थायी आश्रय शिविरों में स्थानांतरित किया है.

सौराष्ट्र और कच्छ में तेज हवा और भारी बारिश

सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र को तेज हवाओं एवं भारी बारिश का सामना करना पड़ा. आईएमडी ने कहा कि ‘बिपरजॉय’ बुधवार को मार्ग बदलने और उत्तर-पूर्व दिशा में कच्छ तथा सौराष्ट्र की ओर बढ़ने को तैयार है तथा यह गुरुवार शाम को जखाऊ बंदरगाह के पास टकराएगा. इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के प्रभाव से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की.

कहां है अभी चक्रवात

बताया जा रहा है चक्रवात अभी कच्छ से लगभग 290 किलोमीटर दूर है. आईएमडी ने एक बुलेटिन में बताया कि 15 जून को चक्रवात के गुजरात तट पर पहुंचने के साथ ही राज्य में बारिश की तीव्रता बढ़ जाएगी और कच्छ, देवभूमि द्वारका तथा जामनगर में कुछ जगहों पर अत्यंत भारी बारिश होने के आसार हैं.

50 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

एहतियाती कदम के तौर पर लगभग 50 हजार लोगों को तटीय इलाकों से निकालकर सुरक्षित आश्रय शिविरों में स्थानांतरित कर दिया है. उनमें से 18 हजार को कच्छ जिले के शिविरों में स्थानांतरित किया गया है, जबकि अन्य को जूनागढ़, जामनगर, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, मोरबी और राजकोट में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

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