यूपी के टॉप 62 माफियाओं की लिस्ट में माफिया नंबर 15 संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा की लखनऊ कोर्ट में हत्या के साथ ही बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के राइट और लेफ्ट हैंड का सफाया हो गया।

इससे पहले मुख्तार के सबसे खास आदमी मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या हो गई थी। मुन्ना के बाद मुख्तार के शूटर मेराज को भी चित्रकूट की जेल में मार दिया गया था। एक तरह से मुख्तार के गैंग का जेल और कोर्ट में ही सफाया हो रहा है।

मुख्तार अंसारी गैंग का राइट हैंड मुन्ना बजरंगी सबसे पहले मारा गया। 9 जुलाई 2018 को बागपत की जेल के अंदर खूंखार अपराधी मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई। जेल में ही बंद पश्चिमी यूपी के बड़े गैंगस्टर सुनील राठी ने गोलियों से बजरंगी को भून दिया। बजरंगी के शरीर में 12 गोलियों के निशान मिले थे। इसके बाद चित्रकूट जेल के अंदर 14 मई 2021 को अंशुल दीक्षित नाम के अपराधी ने मुख्तार के शूटर मेराज अली को मार दिया। अंशुल ने मेराज के साथ गैंगस्टर मुकीम काला का भी मर्डर किया। पुलिस ने कहा था कि दोनों को मारने के बाद अंशुल ने पांच कैदियों को बंधक बना लिया था जिन्हें छुड़ाने के लिए मुठभेड़ में अंशुल मारा गया। और अब मुख्तार के लेफ्ट हैंड संजीव जीवा का मर्डर कोर्ट परिसर में हो गया। मुख्तार गैंग के तीन खास लोग जेल के अंदर या कोर्ट के अंदर मारे जा चुके हैं।

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ सरकार की हिट लिस्ट में रहे दो बड़े माफिया गिरोहों में एक का सरगना अतीक अहमद 15 अप्रैल को पुलिस के सुरक्षा घेरे में मारा गया जबकि दूसरा सरगना मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है। जब से अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या हुई है तब से मुख्तार की जेल के अंदर भी सुरक्षा और निगरानी बढ़ा दी गई है। 10 अप्रैल को उसे ईडी की मनी लाउंड्रिंग केस के सिलसिले में लखनऊ में सशरीर पेश किया गया था। मुख्तार अंसारी पर पूरे यूपी में 50 से ज्यादा मामले चल रहे हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में उसकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होती है। उसे सजा भी ऑनलाइन सुनाई जा रही है।

मुख्तार को वाराणसी कोर्ट ने इसी सोमवार 5 जून को कांग्रेस नेता अवधेश राय की हत्या के 32 साल पुराने केस में उम्रकैद का सजा सुना दी है। मुख्तार को 22 सितंबर 2022 को पहली सजा सुनाई गई थी और तब से पांच केस में सजा मिल चुकी है। मुख्तार 2005 से जेल में बंद है। इन 18 साल में वो 2019-21 के बीच लगभग 25 महीने पंजाब की जेल में रहा। पंजाब सरकार जब उसे वापस नहीं भेज रही थी तो यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट गई और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर उसे वापस यूपी लाया गया। तब से वो बांदा की जेल के बैरक नंबर 15 में अपने लिए बनाई गई खास सेल में रहता है।

बुलेटप्रूफ जैकेट के बिना आया संजीव जीवा, हमले के वक्त सुरक्षा में तैनात 10 में 6 जवान नहीं थे

लखनऊ कोर्ट में बुधवार को मुख्तार अंसारी गैंग के लिए ठेका से लेकर वसूली तक देखने वाले शूटर संजीव जीवा को मार दिया गया। 10 पुलिस जवानों की सुरक्षा में एससी-एसटी कोर्ट में पेशी के लिए जेल से लाए गए संजीव जीवा को वकील की ड्रेस पहनकर आए जौनपुर के विजय यादव ने कोर्ट में 6 गोलियां मारी। दिखने से कोर्ट में ही मर चुके जीवा को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित किया गया। संजीव जीवा जब भी पेशी पर जाता था बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर जाता था लेकिन बुधवार को उसने जैकेट नहीं पहना था। सुरक्षा में जेल से निकले 10 जवान में गोलीबारी के दौरान 6 उसके आस-पास नहीं थे। और मुख्तार अंसारी गैंग का लेफ्ट हैंड संजीव जीवा का कोर्ट कैंपस में मर्डर हो गया।

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