AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर बड़ा हमला बोला है। ओवैसी ने सीएम योगी के डीएनए वाले बयान पर न्यूज एजेंसी ANI को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत के मुसलमान को बांग्लादेश के हिंदू से क्या करना है। यहां पर भी माइनॉरिटी है, वहां पर भी माइनॉरिटी है। भारत का एक नागरिक, वहां जो हो रहा है, उसके लिए कैसे जिम्मेदार है।

उन्होंने शेख हसीना को शरण देने का जिक्र करते हुए सवाल किया, “क्यों बीजेपी सरकार अपदस्थ नेता को यहां पर अपने पास रखे हुए है, भिजवा दीजिए वापस।”

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए योगी आदित्यनाथ सब ज्यूडिस मामले को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। ये बिलकुल गलत है। संभल का मुद्दा बहुत पहले खत्म हो चुका है। बाबरी मस्जिद के बारे में वो झूठ बोल रहे हैं। योगी अपर कास्ट के हैं और डीएनए की बात कर रहे हैं।

X के जरिए भी ओवैसी ने रखी अपनी बात

इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए कहा कि योगी ने आज बांग्लादेश की माइनॉरिटी, बाबरी मस्जिद और संभल के बारे में कुछ बेतुकी टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि किसी भी माइनॉरिटी को कहीं भी सताया नहीं जाना चाहिए। लेकिन बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार का भारतीय मुसलमानों से क्या लेना-देना है? या फिर उनका मतलब यह है कि यहां मुसलमानों के साथ बंधकों जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए?

ओवैसी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, “अगर उन्हें बांग्लादेशी माइनॉरिटी की इतनी चिंता है तो आप शेख हसीना को वापस क्यों नहीं भेज देते? वह भारत में क्यों रह रही हैं?”

AIMIM प्रमुख ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद माना है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि बाबरी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। संभल जामा मस्जिद का मामला भी 1877-79 में सुलझा लिया गया था और कोर्ट ने साफ कहा था कि संभल की जामा मस्जिद एक मस्जिद है और वहां कोई मंदिर नहीं है, न ही वहां हिंदू पूजा की जाती है।

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