आयोग ने दोनों ही प्रमुख दलों के अध्यक्षों को भेजे गए नोटिस में कहा है कि चुनाव तो आते जाते रहते है लेकिन उनकी टिप्पणी समाज और देश में लंबे समय से कटुता पैदा करेगी। ऐसे में वह जो भी बोले वह उसके दीर्घकालिक परिणामों को सोच विचार कर ही बोलें। आयोग ने पहले भी राजनीतिक दलों को प्रचार के दौरान संयमित भाषा के इस्तेमाल की नसीहत दी थी।
सुरक्षा बलों पर न हो राजनीति
आयोग ने इस दौरान सबसे तीखी आपत्ति कांग्रेस पार्टी की ओर से अग्निवीर को लेकर सेना पर किए जा रहे हमलों और उसे लेकर की जा रही राजनीति पर जताई है। आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को दी गई नोटिस में सेना और सुरक्षा बलों पर बिल्कुल भी राजनीति न करने की नसीहत दी। साथ ही संविधान के खतरे में होने और संविधान बदलने के आरोपों पर भी तुरंत रोक लगाने के निर्देश दिए है।
समाज को बांटने वाले बयानों पर रोक
आयोग ने कहा कि ऐसे आरोपों से देश की साख और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचता है। आयोग ने इस दौरान भाजपा को भी धर्म, जाति और समाज को बांटने वाले बयानों को तुरंत बंद करने को कहा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी बुधवार को दी गई नोटिस में आयोग ने कहा है कि इस तरह से बयान से समाज में कटुता बढ़ती है। यह समाज व देश दोनों के लिए घातक है।