राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि आपराधिक मामलों में सांसदों के विशेषाधिकार नहीं होते हैं। शुक्रवार को राज्यसभा में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सांसदों के विशेषाधिकार को लेकर असमंजस बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यह गलत धारणा बन रही है कि जांच एजेंसी संसद के सत्र के दौरान सांसदों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है।नायडू ने संविधान के अनुच्छेद 105 का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी सांसद को संसदीय कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए विशेष अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक विशेषाधिकार यह है कि किसी भी सांसद को संसद का सत्र या संसदीय समिति की बैठक शुरू होने से 40 दिन पहले और 40 दिन बाद तक दीवानी मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
‘सांसदों को अपराधिक मामलों में छूट नहीं’
एम वेंकैया नायडू ने कहा कि हालांकि यह प्रावधान आपराधिक मामलों में लागू नहीं होता है। इस प्रावधान से सांसदों को अपराधिक मामलों में छूट नहीं मिलती है। इसका तात्पर्य है कि अपराधिक मामलों की कार्रवाई में सांसद भी सामान्य नागरिक की तरह होते हैं और उन्हें संसदीय सत्र या समिति की बैठक के दौरान गिरफ्तार किया जा सकता है।