उत्तर प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 16 जुलाई को कर सकते हैं। इस बाबत प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा और अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने शनिवार को यहां मुकम्मल तैयारियों का जायजा लिया। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे लगभग 28 महीने के रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ है। इससे प्रदेश के सात जिलों इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट की तकदीर बदलना तय है।
गौरतलब है कि 29 फरवरी, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही इसका शिलान्यास किया था। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी इसका उद्घाटन आगामी 16 जुलाई को कर सकते हैं। पहले यह कार्यक्रम 12 जुलाई को प्रस्तावित था, लेकिन कुछ काम पूरे नहीं हो पाने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था। यूपी के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव के अलावा प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक देवेन्द्र सिंह चौहान ने एक्सप्रेस-वे का स्थलीय निरीक्षण कर एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य की स्थिति की समीक्षा की।मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने बताया कि पहले चित्रकूट से दिल्ली तक का सफर तय करने में लगभग 9 से 10 घंटे लगते थे, लेकिन अब इस एक्सप्रेस-वे के बनने से अब यात्रियों को दिल्ली पहुचने के लिए सिर्फ 5 से 6 घंटे का सफर तय करना होगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे प्रदेश के सात जनपदों से होकर गुजरेगा, जिसमें इटावा और औरैया के अलावा बुंदेलखंड के जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह एक्सप्रेस-वे इन इन सातों जिलों में विकास की गति को तेज करेगा। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे के साथ ही औद्यौगिक कारीडोर को भी विकसित किया जा रहा है, जिसमें कई औद्यौगिक इकाईयों को स्थापित कराया जाएगा।