चुनाव से पहले किए जाने वाले मुफ्त योजनाओं के वादों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान ‘मुफ्त रेवड़ी’ बांटने के वादे एक गंभीर आर्थिक समस्या है। इस समस्या से निपटने के लिए एक संस्था की जरूरत है। सप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर चुनाव आयोग और सरकार के साथ कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से भी सुझाव मांगे हैं। 

चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली  की बेंच ने कहा कि नीति आयोग, वित्त कमीशन, सत्ताधारी और विपक्षा पार्टियों, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और अन्य संस्थाओं को भी इस मामले में सुझाव देने चाहिए कि आखिर इस ‘रेवड़ी कल्चर’ को कैसे रोका जा सकता है। बेंच ने कहा, अच्छे सुझाव के लिए जरूरी है कि जो लोग इस कल्चर का समर्थन करते हैं वे और विरोध करने वाले लोग, दोनों ही सुझाव दें। सुप्रीम कोर्ट ने एक एक्सपर्ट बॉडी बनाने के लिए सात दिनों के अंदर सुझाव मांगे हैं। कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग के साथ ही कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल और याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वे जल्द अपने सुझाव दें ताकि इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए  एक एक्सपर्ट बॉडी बनाई जा सके। 

2022-08-03 16:14:34 https://www.wisdomindia.news/?p=4420

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