विपक्ष ने संयुक्त रूप से उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस की जानीमानी नेता मार्गरेट अल्वा को उतारा है। वहीं एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है। जब एनसीपी चीफ शरद पवार ने अल्वा के नाम का ऐलान किया तो उस बैठक में ममता बनर्जी की टीएमसी का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। हालांकि शरद पवार ने यह बात कही थी कि टीएमसी भी उनका समर्थन करेगी। ममता बनर्जी ने कहा था कि 21 जुलाई को राज्य में शहीद दिवस मनाया जाता है इसलिए सभी नेता उसकी तैयारी में जुटे हैं। टीएमसी की तरफ से कहा गया था कि 21 जुलाई को ममता बनर्जी संसदीय दल की बैठक करने के बाद अपनी चॉइस बताएंगी। अब पेच यह फंसा है कि आखिर ममता बनर्जी किसका समर्थन करने वाली हैं। अगर यह साफ होता कि वह अल्वा के साथ जाएंगी तो स्पष्ट बता देतीं कि वह विपक्ष के उम्मीदवार के साथ रहेंगी।
कैसे हैं ममता बनर्जी और मार्गरेट अल्वा के संबंध
जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे तो अल्वा उनकी करीबी मानी जाती थीं। वह कुछ समय तक पीएमओ की मंत्री भी रहीं। राजीव गांधी ने ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल में युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। कुछ समय तक ममता बनर्जी ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस की भी प्रेसिडेंट रहीं। ममता बनर्जी और अल्वा के संबंध अच्छे रहे हैं लेकिन अब कहा जाता है कि ममता बनर्जी को इस बात पर आपत्ति है कि अल्वा का नाम डिसाइड करने से पहले उनकी राय नहीं ली गई।

2022-07-19 16:13:57 https://www.wisdomindia.news/?p=3888

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