अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष के मेमोरेंडम पर दस्तखत से इनकार कर चुके कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। खबर है कि तिवारी के इस फैसले के बाद से ही पार्टी नाखुश है। साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। इससे पहले भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का समर्थन किया था, जिसके बाद पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लिया था।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पार्टी के मत के खिलाफ जाकर योजना का खुलकर समर्थन करने के चलते पार्टी में तिवारी के खिलाफ जमकर नाराजगी है। वहीं, योजना से जुड़े मेमोरेंडम पर साइन नहीं करने के बाद यह मुश्किल और बढ़ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के अंदर हो रही चर्चाओं के दौरान मनीष तिवारी को ‘कांग्रेस का सुब्रमण्यम स्वामी’ भी कहा जा रहा है।
अब सवाल है कि क्या पार्टी उन्हें निष्कासित करेगी? एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि उन्हें निलंबित करने की चर्चाएं जारी हैं, लेकिन पार्टी मत नहीं मानने को लेकर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। पार्टी सूत्र के अनुसार, उन्हें रोके रखने के लिए निलंबन बेहतर फैसला लग रहा है। अगर तिवारी को निष्कासित किया जाता है, तो भी वह सांसद बने रहेंगे।