बिहार के मुख्यमंत्री और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की लगभग दो घंटे की मुलाकात के बाद भी कोई ऐसा बयान सामने नहीं आया जिससे आगे का कुछ अंदाजा लगाया जा सके। हालांकि प्रशांत किशोर ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कालजयी रचना ‘रश्मिरथी’ की दो पंक्तियां ट्टीट करके बहुत कुछ कह डाला है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘तेरी सहायता से जय तो मैं अनायास पा जाऊंगा, आनेवाली मानवता को, लेकिन, क्या मुख दिखलाऊंगा? ‘ उनके इस ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं छिड़ गई हैं। इन पंक्तियों में पीके ने खुद को कर्ण बताया है। दरअसल ‘रश्मिरथी’ में अर्जुन से युद्ध के समय कर्ण एक सर्प से बात करते हैं और तभी ये बातें कहते हैं। हालांकि पीके इन पंक्तियों से किसे संबोधित कर रहे हैं, यह साफ नहीं किया। फिर भी राजनीति के पंडितों ने पीके का इशारा काफी हद तक समझ लिया है।
पंक्तियों में महाराभारत का कौन सा प्रसंग
इन पंक्तियों के माध्यम से दिनकर ने कर्ण की वीरता और स्वाभिमान का परिचय दिया है। महाराभारत के युद्ध के दौरान जब कर्ण और अर्जुन का सामना होने वाला होता है। कर्ण के रथ के सामने स्वयं जगदीश्वर कृष्ण अर्जुन के रथ की बागडोर संभाले बैठे होते हैं। ऐसे में कर्ण के मन में अपनी जीत के प्रति एक बार शंसय जन्म ले लेता है। तभी युद्धभूमि में अश्वसेन नाम का सर्प कर्ण के पास आता है और अनुरोध करता है कि वह उसे अपने बाण पर बैठाकर अर्जुन पर प्रहार करें जिससे कि अश्वसेन अपने परिवार की हत्या का बदला ले सके। हालांकि कर्ण को किसी सर्प की सहायता स्वीकार नहीं होती है और वह अश्वसेन को दुत्कार कर भगा देते हैं। कवि ने कर्ण के माध्यम से सामाजिक बुराइयों की और भी ध्यान खींचा है।