15वें राष्ट्रपति के लिए हुए चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने बड़ी जीत हासिल की है। विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने अपनी हार स्वीकर कर ली है और उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि आप बिना किसी भय और पक्षपात के संविधान की संरक्षक बनकर कार्य करेंगी। वहीं द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली सबसे युवा आदिवासी महिला बन गई हैं। इस जीत के साथ ही उन्होंने इतिहास रच दिया है।
देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति
देश को मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और के आर नारायणन के रूप में दो दलित राष्ट्रपति मिल चुके हैं लेकिन द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी नेता हैं जो कि देश के सर्वोच्च पद तक पहुंची हैं। आज तक देश में कोई आदिवासी न तो प्रधानमंत्री रहा है और न ही गृह मंत्री। ओडिशा में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। खास बात यह भी है कि वह ऐसी पहली राज्यपाल थी जिन्होंने झारखंड में अपना कार्यकाल पूरा किया।

सबसे युवा राष्ट्रपति
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। 25 जुलाई को उनकी उम्र 64 साल 1 महीना और 8 दिन होगी। द्रौपदी मुर्मू अब तक की सबसे युवा राष्ट्रपति होंगी। इससे पहले यह रिकॉर्ड नीलम संजीव रेड्डी के नाम था। जब वह राष्ट्रपति बने तो उनकी उम्र 64 साल दो महीने और 6 दिन थी। वह निर्विरोध राष्ट्रपति बने थे। वहीं सबसे ज्यादा उम्र में राष्ट्रपति बनने वाले में के आर नारायणन का नाम दर्ज है। वह 77 साल 5 महीने 21 दिन की उम्र में राष्ट्रपति बने थे।

2022-07-21 16:09:07 https://www.wisdomindia.news/?p=3973

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *