जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग को लेकर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस दौरान पंडितों ने कई बार चेतावनी भी दी कि अगर उन्हें पुख्ता सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी को वे घाटी व सरकारी नौकरी छोड़ देंगे। ऐसे में खबरें भी आईं कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत काम करने वाले कई कश्मीरी पंडितों ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। हालांकि अब इसको लेकर केंद्र सरकार ने संसद को सारी बात बताई। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को सूचित किया कि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत काम करने वाले किसी भी कश्मीरी पंडित ने विरोध में इस्तीफा नहीं दिया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने शिवसेना सांसद अरविंद सावंत और विनायक राउत के सवाल पर लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि “जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, हाल ही में कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडित की हत्या के विरोध में प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत काम करने वाले किसी भी कश्मीरी पंडित ने इस्तीफा नहीं दिया है।”
वर्ष 2017 से जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों में 28 प्रवासी कामगार मारे गए : सरकार
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि जम्मू कश्मीर में सीमापार से प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों एवं प्रवासी कामगारों को लक्ष्य बनाकर कुछ हमले किये गए तथा वर्ष 2017 से अब तक ऐसे हमलों में 28 कामगार मारे गए हैं। निचले सदन में रीति पाठक, रमा देवी, गीता कोडा, दिलेश्वर कमैत, ज्योतिर्मय सिंह महतो, लॉकेट चटर्जी और नवनीत रवि राणा के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी।