केरल में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने नवसंकल्प चिंतन शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में कांग्रेस ने अपने यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) में उन पुरानी पार्टियों को भी शामिल करने की योजना बनाई जो कि विरोधी एलडीएफ के साथ चली गई हैं। हालांकि योजना बनाई ही गई थी कि कांग्रेस को झटका लगना शुरू हो गया है। केरल कांग्रेस (मणि) और लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ जाने से साफ इनकार कर दिया है।

केरल के कोझिकोड में दो दिन के शिवार के खत्म होने के 24 घंटे के बाद ही कांग्रेस को रिजेक्शन मिल गया है। कोझिकोड में कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर ब्लूप्रिंट खींचा था और योजना बनाई थी कि कैसे 2019 के प्रदर्शन को एक बार फिर दोहराया जाएगा। कांग्रेस की योजना थी कि एलडीएफ के कुछ दलों को फिर से यूडीएफ का हिस्सा बनाया जाएगा। बता दें कि 2019 के आम चुनाव में यूडीएफ ने 20 में से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी।

केरल में कांग्रेस चीफ के सुधाकरन ने कहा, ‘एलडीएफ अब भी वही फासीवादी अजेंडा अपना रही है जो कि पीएम मोदी केंद्र में चला रहे हैं। बहुत सारे उसके सहयोगी असंतुष्ट हैं और हम उनका यूडीएफ में स्वागत करते हैं।’ इसके अलावा 2021 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से दूरी बनाने वाले अल्पसंख्यक समुदाय को भी वापस लाने के लिए इस शिविर में चर्चा की गई। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दो महीने पहले त्रिक्काकरा में हुए उपचुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय का बड़ा समर्थन मिला है जो कि बरकरार रहना चाहिए।

2022-07-25 16:31:51 https://www.wisdomindia.news/?p=4108

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