सुप्रीम कोर्ट ने सपा विधायक आजम खान को जमानत देते हुई लगाई गई शर्तों से संबंधित इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के एक हिस्से को शुक्रवार को निरस्त कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस नयी प्रवृत्ति को लेकर ‘परेशान’ है, जहां अदालतें ऐसे मामलों का संदर्भ देती हैं जो जमानत के लिए प्रार्थना पर विचार करने से संबंधित नहीं होते। उच्चतम न्यायालय ने आजम खान को जमानत देते हुए लगाई गई शर्तों से संबंधित इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के एक हिस्से को शुक्रवार को निरस्त कर दिया, जिसमें उत्तर प्रदेश में रामपुर के जिलाधिकारी को जौहर विश्वविद्यालय परिसर से जुड़ी जमीन को कब्जे में लेने के निर्देश दिए गए थे। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि वह ‘इस प्रवृत्ति को लेकर परेशान’ है, जहां ऐसे मामलों का संदर्भ दिया जाता है जो जमानत के लिए प्रार्थना पर विचार करने से संबंधित नहीं होते। पीठ ने कहा कि अदालतों को अर्जी और उसके सामने रखे मामले तक सीमित रहना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘हमें लगातार ऐसे आदेश मिलते रहे हैं। दो दिन पहले हमने इसी तरह के एक आदेश को रद्द किया था।’ शीर्ष अदालत ने कहा, ‘यह अब एक प्रवृत्ति बन गई है। जमानत और अग्रिम जमानत याचिका में आप जमानत याचिका और पेश मामले तक सीमित रहते हैं। अन्य मामले कैसे प्रासंगिक हो सकते हैं? यह एक नयी प्रवृत्ति है जो हम विभिन्न आदेशों में देख रहे हैं।’
2022-07-22 16:38:35 https://www.wisdomindia.news/?p=4015